• संघ के एजेंड में पर्यावरण, ग्राम्यविकास व कुटुम्ब प्रबन्धन शामिल
    झांसी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने बताया कि संघ कार्य में नई पीढ़ी का प्रवेश तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहाकि संघ ने बदलते हुये परिवेशन को ध्यान में रखकर ६ नई गतिविधियां प्रारम्भ की हैं। इनमें पर्यावरण, ग्राम्य विकास, सामाजिक समरसता व कुटुम्ब प्रबन्धन जैसे कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम की सामूहिक शक्ति का जागरण करना जरूरी है जिससे समाज की विभिन्न कमजोरियोंं को दूर किया जा सके व सामाजिक समरसता का निर्माण हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज के अंदर आज जाति के भेदभाव के कारण समरसता का वातावरण बिगड़ गया है, साथ ही संस्कार भी बिखर रहे हैं, जिसे बचाने की आवश्यकता है। इसके लिए संघ लगातार प्रयास में लगा हुआ है।
    यहां अम्बावाय में एसआर इंजीनियरिंग कालेज में चल रहे पांच दिवसीय अखिल भारतीय योजक वर्ग में शामिल हुए अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि संघ के सामने चुनौतियां भी बढ़ी हैं। १ से ५ जुलाई तक आयोजित योजक वर्ग कार्यक्रम में देश भर से १४० कार्यकर्ता शामिल हुए हंै। जिन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहली बार बुन्देलख्ंाड के झांसी में यह योजक वर्ग कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने संघ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि २०१० से संघ के कार्य में लगातार वृद्घि हो रही है इसका कारण बताते हुये कहा कि समाज में संघ कार्य की स्वीकारोक्ति व अनुकूलता बढ़ी है। यही कारण है कि जहां २०१० में संघ की ४० हजार शाखाएं थीं जो २०१९ में बढ़ कर ६० हजार हो गई हंै। लोगो में संघ जाने और उससे जुडऩे की प्रबल इ’छा हुई है। संघ से अधिक संख्या में लोगों की जुडऩे की इ’छा को देखते हुए संघ की बेवसाईट पर एक ‘वाइन आरएसएस कॉलम शुरु किया गया है। जिसमें लोग ऑन लाइन सम्पर्क करते हैं, फि र उन्हें जोड़ा जाता है। अभी तक ६ लाख लोगों ने संघ से ऑनलाइन जुडऩे की इ’छा व्यक्त की है। इसमें २०१८ में १.५ लाख और २०१९ में अब तक महज ६ माह में ६७ हजार लोगों ने संघ से जुडऩे की इ’छा व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि २५ वर्ष से ऊपर के लोग संघ में जुड़ रहे है जब कि ३७ हजार शाखाओं में विद्यार्थी जा रहे है। उन्होंने कहा कि संघ में नई पीढ़ी का तेजी से प्रवेश हो रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में संघ के एक हजार प्रशिक्षण वर्ग लगते है तथा सात दिवसीय प्राथमिक शिक्ष वर्ग में प्रति वर्ष एक लाख ७५ हजार लोग प्रशिक्षण लेते हैं।
    उन्होंने बताया कि संघ ने देश में बढ़ते पर्यावरण संकट को देखते हुये जल संरक्षण वृक्षारोपण व कचरा प्रबन्धन की दिशा में भी कार्य करने का फैसला किया है। इतना ही नही ग्राम्य विकास की दिशा में गौ सेवा व गौ संरक्षण की ओर संघ का ध्यान तेजी से गया है। समाज में सामाजिक समरसता खड़ी हो इसको ध्यान में रखते हुये धार्मिक, सामाजिक आदि सभी संगठनों को साथ लेकर सामाजिक सद्भाव बनाने का कार्य संघ कर रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार हमारे समाज की ताकत है इसलिये संघ के कुटुम्ब प्रबन्धन का कार्य शुरू किया है। संघ बढऩे से समाज की अपेक्षाएं संघ से बढ़ी है। इसके लिये संघ ने ५ वर्ष पूर्व प्रशिक्षण का कार्य प्रारम्भ किया। जिससे कार्यकर्ता की क्षमता का विकास व गुणवत्ता में वृद्घि हो सके। क्योंकि संघ कार्य का आधार कार्यकर्ता ही है।
    उन्होंने बताया कि देश में संघ ने ३०० विभाग व ८०० जिलों की रचना की है। जिसमें जिला व ऊपर के ९ हजार व प्रांत व क्षेत्र स्तर के एक हजार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस योजक वर्ग में १४० प्रशिक्षार्थी भाग ले रहे है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहाकि समाज में समरसत बढऩी चाहिए। वहीं मुस्लिम समाज को संघ से जोडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के प्रत्येक व्यक्ति को हिंदु मानता है। इस देश में सभी के पूर्वज हिन्दु थे। संघ सब तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है, संघ ऐसे वर्ग के लिए विशेष योजना कभी नहीं बनाता है। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ठाकुर व सह प्रांत कार्यवाह इंजी. अनिल श्रीवास्तव उपस्थित रहे।