- आईआरईएफ व एनसीआरडब्ल्यूयू रोकेगी हमले
झांसी। इण्डियन रेलवे इम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नार्थ सेन्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन के महामंत्री मनोज पाण्डेय ने आरोप लगाया कि मोदी-२ सरकार बनने के उपरांत रेल पर हमले और तेज हो गये हैं। अभी तक पूरी ताकत के साथ इण्डियन रेलवे इम्पलाईज फेडरेशन एवं नार्थ सेन्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन पूरे देश में फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के माध्यम से नेशनल पेंशन स्कीम के विरूद्घ एनएमओपीएस के साथ मिलकर मुहिम छेड़ रखी है जिसका परिणाम था कि राज्य की कई सरकार झुकीं तथा दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब ने ओपीएस लागू करने के लिये केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजी। आईआरईएफ तथा एनसीआरडब्ल्यूयू की लड़ाई एनपीएस उन्मूलन तक ही सीमित नहीं है बल्कि हमारे संगठन ने ७ वें में पे कमीशन की विसंगतियों को दूर करने, एचआरए का मुद्दा, मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा ४००-४०० रूपये की जबरन कटौती, रिटायर्ड नेतृत्व, ट्रैकमैन तथा रनिंग स्टाफ की समस्याओं को गंभीरता से उठा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में रिटायर्ड नेतृत्व फेडरेशन चाहे वह एआईएफएफ हो या फिर एनएफआईआर दोनों ने पूर्ण रूप से घुटने टेक दिये हैं। उन्होंने बताया कि सामाजिक आर्थिक असुरक्षा वाली एनपीएस को लागू कराने में इन मान्यता प्राप्त संगठनों का बहुत बड़ा हाथ है। दोनों फेडरेशनों ने इस सम्बन्ध में कोई भी विरोध नहीं किया है। नई भर्ती न होने के वजह से रेल कर्मियों के ऊपर लगातार बोझा बढ़ता जा रहा है तथा रेल सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है। दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने उपरोक्त किसी भी समस्या का किसी भी प्रकार से निवारण करा पाने में असक्षम रही है। इस दौरान नार्थ सेन्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष एसपीएस यादव ने बताया कि ९० प्रतिशत रेल कर्मियों ने तीन वर्ष पूर्व हड़ताल के पक्ष में मतदान किया था लेकिन इन फेडरेशनों द्वारा हड़ताल को वापिस ले लिया गया है। मान्यता प्राप्त संगठनों की नाकामी को देखते हुये मोदी-२ सरकार सत्ता में आते ही रेल पर हमले और तेज कर दिये है।
एनपीएस को समाप्त करना तो दूर अब तो रेलव द्वारा सौ दिवसीय कार्य योजना लाया गया है जिनके तहत उत्पादन ईकाईयों को निगमीकरण की ओर धकेल रहे है। प्राईवेट ट्रेन चलाने की योजनायें है। इस तरह से रेल कर्मियों तथा रेल का भविष्य पूर्ण रूप से अंधकार में फेंकने की योजना है। रेलवे की ऐसी खराब स्थिति होने की जिम्मेदार पूर्ण रूप से एआईआरएफ तथा एनएफआईआर हैं। इनको देशभर के रेलकर्मियों से माफी मांगनी चाहिये। इस मौके पर वीके उपाध्याय, अरविंद राय, संतोष साहू, सचिन रजक आदि उपस्थित रहे।