• रेलवे कोर्ट के बाहर दादी की गोद में नवजात ने दम तोड़ा
    झांसी। रेलवे न्यायालय के बाहर आज उस समय लोग द्रवित हो गए जब जिला कारागार से तारीख पर आ रहे अपने पिता के इंतजार में लगभग डेढ़ माह के नवजात ने अपनी दादी की गोद में ही दम तोड़ दिया। दुर्भाग्य रहा कि नवजात को न उसकी मां ही देख पायी और न उसका पिता। इस घटना ने न्यायालय परिसर में बंदियों के परिजनों या वादकारियों के बैठने आदि की रेल प्रशासन की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं।
    दरअसल, बिहार के बरनी निवासी मनीष पांडे नामक व्यक्ति को जीआरपी द्वारा मोबाइल चोरी के मामले में लगभग 8 माह पूर्व पकड़ा था। मनीष तभी से झांसी जिलाकारागार में बंद है। मनीष की आज रेलवे मजिस्ट्रेट के न्यायालय में तारीख थी। मनीष से मिलने के लिए उसकी मां शोभा देवी मनीष के डेढ़ माह के नवजात पुत्र को लेकर रेलवे कोर्ट मिलने पहुंची थी। शोभा देवी अपने नाती को गोद में लेकर सुबह 7 बजे से अपने पुत्र मनीष के जिला कारागार से आने के इंतजार में खड़ी हुई थी। कोर्ट के बाहर तपती धूप व भीषण गर्मी में शोभा देवी अपने नाती को आंचल की छांव में छिपाए थी, लेकिन आज कोर्ट में मनीष की पेशी नहीं हुई। इधर, दादी की गोद में डेढ माह का नवजात भीषण गर्मी व तपन बर्दाश्त नहीं कर सका और दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गयी। जब इसका एहसास शोभा देवी को हुआ तो वह विलख उठी। उसने बताया कि नवजात न अपनी मां को देख सका और न ही अपने पिता को। उसने बताया कि मनीष जेल में था और उसकी पत्नी अमरीता गर्भवती थी। मनीष छूटा नहीं और उसकी पत्नी अमरीता अपनी कोख से नवजात को जन्म देते समय स्वर्गवासी हो गई थी। इस तरह से न नवजात ने मां को देखा और न पिता को, न ही माता-पिता अपने पुत्र को देख पाए।
    दादी शोभा ने बताया कि बिन मां के ब’चे की तबीयत पहले से ही खराब चल रही थी। इसके कारण उसका इलाज भी चल रहा था। शोभा की दर्द भरी दास्तां ने वहां मौजूद सभी को द्रवित कर दिया, किन्तु होनी के आगे किसी का वश चला है क्या। इस दुखद घटना के बाद जीआरपी ने अपने खर्चे पर ब’चे के अंतिम संस्कार का जिम्मा उठाया है। अतिरिक्त निरीक्षक थाना जीआरपी अमीराम सिंह ने बताया कि आरोपी मनीष पांडे की रिहाई 12 अगस्त को होने वाली है। रेल प्रशासन को चाहिए कि रेलवे कोर्ट परिसर में या उसके आसपास पेशी में लाए गए अभियुक्तों के परिजनों के बैठने व पानी आदि की सुविधा होना चाहिए ताकि और कोई हादसा घटित न हो सके।