• सैंकड़ों दीपकों से जगमगाया कुंजबिहारी मंदिर, धूमधाम से मनाई राधाष्टमी
    झांसी। श्री राधे प्रगट भई बरसाने मंगल बजत बधाई है–। बस गये नैनन कुंजबिहारी जबसे देखी श्यामलि सूरत, टरत न छवि दृग टारी, मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, बाम अंग श्री प्यारी, प्रेम भक्ति दीजै मोह स्वामी अपनी ओर निहारी, रुप कुंवरि रानी के साधहु कारज सकल मुरारी। कवि की पंक्तियों में बरसाने की बखान की गई यह सुंदरता आज ग्वालियर रोड सिविल लाइन स्थित कुंजबिहारी मंदिर में साक्षात झलक रही थी। मौका था अखिल ब्राह्मण्ड नायक भगवान कुंजबिहारी सरकार की प्राण प्रियतमा राज राजेश्वरी श्री राधा सर्वेश्वरी जू के पावन प्राकट्य महोत्सव काए भादौ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन आज ब्रज की लाडली का प्राकट्य महोत्सव कुंजबिहारी मंदिर में भारी हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया।
    इस मौके पर पुष्पों एवं लता-पताओं के बीच मंदिर में भव्य झाकियां सजायी गयी। इसके साथ ही एक हजार मिट्टी के दीपकों के जलते ही समूचा मंदिर परिसर रोशनी की प्राकृतिक एवं मनमोहक छटा से जगमगा उठा। मंदिर में विराजमान सभी विग्रह मूर्तियों का मंगल अभिषेक एवं श्रृंगार किया गया। शाम होते ही श्रद्धालुओंए महिला एवं पुरुषों की मंदिर में अपार भीड़ उमड़ पड़ी और भगवान के दर्शनों की एक झलक पाने को आतुर श्रद्धालु कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये। यह सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा। सायंकाल 6 बजते ही मंदिर के कपाट खुलेए तदुपरांत राधा रानी एवं भगवान कुंजबिहारी जू की महाआरती की गई, तदुपरांत दर्शनों का सिलसिला प्रारंभ हुआ।
    बुन्देलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास के पावन सानिध्य में संगीत संध्या का आयोजन हुआ जिसमें समीर भालेराव, बंडू गोलवलकर, श्रीराम साहू, राघवेन्द्र शास्त्री, लखन साहू, डा धन्नूलाल गौतम, हरीराम वर्मा, गुरुजीत चावला, विनोद मिश्रा सहित बुन्देलखण्ड के ख्याति प्राप्त कलाकारों ने समाज गायन कर एक से एक बधाई गीत गाये। बधाई गीतों पर श्रीधाम वृन्दावन से आये सखी बाबा की टोली ने मनमोहक नृत्य किया तो दूसरी ओर श्रद्धालुओं में बुन्देलखण्ड के संत महंतों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। महंत राधामोहन दास महाराज ने सभी संतों महंतों को अंग वस्त्र प्रदान कर अभिनंदन किया। पवनदास, बालकदास एवं मनमोहन दास ने संतजनों का स्वागत किया। अंत में बुन्देलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास ने आभार व्यक्त किया।