• ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का समर्थन, वन ट्रेड वन यूनियन का विरोध
    झांसी। एनएफआईआर के राष्ट्रीय महामंत्री डा. एम राघवैया ने बताया कि फेडरेशन प्रोडक्शन यूनिटों के निगमीकरण व गाडिय़ों को प्राइवेट हाथों में देने के सरकार के प्रस्तावित कदम का विरोध करता है। यदि सरकार इस तरह के जोखिम भरे कदम पर आगे बढ़ेगी तो रेल बचाने व कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए रेल कर्मचारी गम्भीर आंदोलन/संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे। इसके लिए उन्होंने १२० दिन का अल्टीमेटम देते हुए दावा किया कि यदि एक बार कदम बढ़ गए तो पीछे नहीं हटेंगे। विगत ७० वर्षों से भारतीय रेल कर्मचारियों की समस्याओं का जो अभी तक निस्तारित नहीं हो पायी है उनका राष्ट्रीय स्तर पर सभी ट्रेड यूनियनों ने साथ लेकर समाधान कराया जायेगा।
    नार्थ सेण्ट्रल रेलवे इम्पलाइज संघ के त्रिवार्षिक अधिवेशन में भाग लेने झांसी आए डॉ. राघवैया ने रेल कर्मियों की समस्याओं व लम्बित मांगों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि सर्विस कण्डीशन में इम्पू्रवमेण्ट करने के एग्रीमेण्ट मेंं सरकार विफल हो गयी है। सरकार से किए गए समझौतों व आश्वासनों के पूरा नहीं किए जाने पर फेडरेशन लगातार विरोध कर रहा है। मांग है कि रेल कर्मियों को न्यू पेंशन स्कीम/नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) से मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि फेडरेशन के प्रयासों से रेलवे मेें न्यू पेंशन स्कीम को हटा कर पुरानी पेंशन को लागू करने के लिए भारत सरकार के दो रेल मंत्रियों द्वारा भी पत्र लिखा गया है, किन्तु सरकार का रवैया नकारात्मक रहा। एनएफआईआर रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर एनपीएस को समाप्त करने हेतु ठोस कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी व सातवें वेतन आयोग के फिटमेण्ट फार्मूले पर हुई सहमति को भारत सरकार द्वारा लागू नहीं किए जाने के कारण केन्द्रीय कर्मचारियों सहित रेल कर्मचारियों में गम्भीर निराशा है।
    साहू जागरण डॉट कॉम के सवालों के जवाब में उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, निजीकरण के विरोध में ट्रेड यूनियन के आठ जनवरी को भारत बंद का उनका संगठन समर्थन किया, किन्तु वन ट्रेड वन यूनियन का विरोध किया। उन्होंने वन ट्रेड वन यूनियन से होने वाले नुकसान को गिनाया। उन्होंने दावा किया कि आर्थिक मंदी का असर रेलवे पर है, किन्तु इसका कारण रेल कर्मी नहीं है। उन्होंने बताया कि भारतीय रेल विश्व की एक बड़ी रेल प्रणाली है जिसमें लगभग १३ लाख कर्मचारी अपनी पूरी शक्ति के साथ रात दिन एक करके रेल सेवा कर रहे है। उन्होंने संरक्षा के साथ हो रहे खिलवाड़ पर चिन्ता व्यक्त करते हुए भारतीय रेल के सभी दो लाख रिक्त पदों को शीघ्र भरने, ग्रुप सी के सभी पदों जो अपेक्स लेवल पर है उनको शीघ्र बी ग्रेड (गजेटेड) में पदोन्नत करने, सीनियर सुपरवाइजर्स जो ४६०० ग्रेड पे में कार्यरत हैं उन्हें पे कमीशन के अनुसार शीघ्र ४८०० ग्रेड पे देने, टेक्निशियन २ के टेक्निकल्स साथियों को ग्रेड १ में मर्ज करने, फिटमे फार्मूले में तत्काल सुधार करने आदि मांगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने रेल कर्मचारियों की लम्बित मांगों एवं स्वीकृत मांगों का अनुपालन न करने पर उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी।
    इसके बाद राष्ट्रीय महामंत्री डा. एम राघवैया ने ट्रेक मेंटेनर्स के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने ट्रेकमेण्टेनर्स की लम्बित समस्याओं पर चर्चा करते हुए उनके निराकरण के लिए शीघ्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एनसीआरईएस के केन्द्रीय अध्यक्ष शकील हैदर, महामंत्री आरपी सिंह, एएस राठौर, मण्डल अध्यक्ष रामकुमार सिंह, मण्डल सचिव व्ही.जी. गौतम, मान सिंह, गोविंद सिंह, अक्षय कांत शर्मा, ए.के. दधीच, दीपक गोयल, महेन्द्र सेन, विव चड्डा, रमेश कुमार, मानू प्रताप चंदेल, आरपी शुक्ला, नीलम सिंह, आरती तमोरी, सुनीता झां, अलका श्रीवास्तव, ममता गौर, सरिता दास, टी.पी. सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन व्ही. जी. गौतम ने एवं आभार मीडिया प्रभारी उमर खान ने व्यक्त किया।