झांसी। सीपरी बाजार न्यू रायगंज में श्रीमद् भागवत कथा का ज्ञान यज्ञ हवन व भंडारे के साथ समापन हो गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति दी इसके बाद पंगत प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया। भागवताचार्य श्री महंत मदनमोहन दास ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा की महिमा बताई व लोगों से भक्ति मार्ग से जोडऩे और सत्कर्म करने को कहा। कथावाचक ने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है वहीं धार्मिक आस्था जागृत होती है, दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति ज्ञान वैराग्य के उत्पन्न होते हैं इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा वाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन करते हुए बताया कि प्रसाद का अपमान करने से भगवान का भी अपमान होता है भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्य के लिए प्रसाद बन जाता है।
कथा समापन के दिन बुधवार को विधि विधान से पूजा यज्ञ हवन में श्रद्धालुओं ने आहुति दी। आरती मुख्य परीक्षत डॉक्टर वंदना अवस्थी-रामकुमार शुक्ला ने की। इस दौरान श्रीराम बिलगैंयां, अचंल अडज़ारिया, पार्षद कन्हैया कपूर, अरविंद वशिष्ठ, सोनू श्रीवास्तव, अनिल सेंगर, गुण्डन परमार, शंभू सेन, मनीष पाठक आदि उपस्थित रहे।