• रावतपुरा सरकार सहित कई संत व प्रमुख जन रहे उपस्थित
    झांसी। रेलवे स्टेशन रोड पारीछा में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस का प्रसंग सुनाते हुए भागवत भास्कर कृष्ण चन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) ने कहा कि यदि छोटी आयु से हम अपने बालकों में अच्छे संस्कार नही देगें तो वह बड़े होकर भटक जायेंगें और जवानी में गलत रास्ते पर चले जायेंगें परिणाम स्वरूप समाज पथ भ्रष्ट हो जायेगा। कर्म, ज्ञान, भक्ति एवं शरीर सौष्ठव की शिक्षा पितरों को देनी चाहिए। धु्रव, जडभरत एवं अजामिल चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि समाज का प्रबुद्ध वर्ग जो आचरण करता है समाज के अनुलोम भी उसी के आचरण का अनुसरण करते है। उन्होंने कहा कि मन को प्रभु की भक्ति में लगाओ यही मुक्ती का साधन है मन बड़ा चंचल है। संतों की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि माखन से भी कोमल होता है।
    कौरवों पाण्डवों के बीच हुए महाभारत में द्रोपदी के चीरहरण का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि भीष्म पितामह ने उस दौरान धर्म का पालन नही किया। दान धर्म, राजधर्म और स्त्री धर्म की व्याख्या करते उन्होंने कहा कि नारी को स्वतंत्र होना चाहिए लेकिन वैदिक मर्यादानुसार नारी का संरक्षण जरूरी है। यूरोपियन देशों में नारी आज भी नौकरानी है जबकि भारत में नारी मालकिन है। पति-पत्नी दोनो धर्मशील और कर्मशील हों तो घर स्वर्ग बन जाता है। अपने श्रीमुख से ज्ञान गंगा बहाते हुए कथा व्यास ने कहा कि मनुष्य परिस्थितियों का दास नही निर्माता है, गलती करते समय व्यक्ति परिणाम के बारे में नही सोचता यदि वह परिणाम के बारे में पहले सोच ले तो शायद गलती ही ना हो। राम नाम संकीर्तन मात्र से भवसागर पार करना ही कलयुग की विशेषता है इसलिए मन की वृत्तियां अन्तरमुखी होना चाहिए बर्हिमुखी नही बंधन केवल मन से होता है तो मुक्ति भी मन की होनी चाहिए इसलिए मन को परमात्मा के चरणों में लगायें। राष्ट्र की उन्नति में गौ माता का विशेष योगदान बताते हुए वे कहते है कि गौ माता को केवल घर में नही दिल में भी जगह दें तभी राष्ट्र उन्नत होकर विश्व गुरू बनेगा। श्रीधाम वृंदावन में कृष्ण प्रेम संस्थान द्वारा इन्द्रेश उपाध्याय के मार्ग दर्शन में की गयी भक्ति पथगोकुलम की स्थापना करते हुए उन्होंने गौ सेवा के लिए श्रद्वालुओं को प्रेरित किया।
    इससे पूर्व देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न कीर्तिशेष अटल जी की जयंति पर नमन करते हुए शुभकामनाएं दीं एवं उनके पद चिन्हों पर चलने का आव्हान किया। उन्होंने श्वेत वस्त्रों में अटल जी को संयासी बताते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी के मन में राष्ट्र प्रेम और अंत्योदय की भावना सदैव प्रस्फुटित होती रही। उन्होंने बताया कि बृज मण्डल में जन्में पं0 दीनदयाल उपाध्याय, पं श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी इन तीनों विप्र पुरूषों ने अपना सर्वस्व राष्ट्र को समर्पित कर दिया। विरले ही लोग ऐसे होते है जिनका अपना कुछ नही होता वे सदैव राष्ट्र के उत्थान के लिए ही कार्य करते है। अटल जी ऐसे ही कवि हृदय एंव राष्ट्र प्रेमी संत थे। बेटी पढ़ाओं-बेटी बढाओ का आवाहन करते हुए वे कहते है कि शस्त्रों में बेटे से अधिक बेटी का होना नितांत जरूरी है। बेटी के कन्यादान का फल एक अश्वमेघ यज्ञ के बराबर होता है। नारी यदि शिक्षित है तो पूरा राष्ट्र शिक्षित होगा। गृस्थ व्यक्तियों को भाग्यवादी नही कर्मवादी होना चाहिए इमानदारी से धन कमाकर अपनी कमाई का दसवॉ अंश पुरूषार्थ में लगाना चाहिए। उन्होंने इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, हे बांके बिहारी दूर करो दु:ख मेरा—आदि सुन्दर भजन सुना कर श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया।
    इस मौके पर रविशंकर महाराज रावतपुरा सरकार, श्रीधाम अयोध्या के महंत वैदेही बल्लभ शरण एवं महंत खेरापति सरकार, महोबा विधायक राकेश गोस्वामी, वरिष्ठ बसपा नेत्री अनुराधा शर्मा, गरौठा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव, एस0पी0 देहात राहुल मिठास, वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह सोलंकी, अरिदमन सिंह, संतोष सोनी, विधायक यज्ञदत्त शर्मा के प्रतिनिधि कमलेश दुबे, विनोद नायक, वीरेन्द्र राय एडवोकेट, नर्मदा यादव मुडेई, एम0एस0 राजपूत के प्राचार्य सियाशरण चतुर्वेदी, डॉ0 विष्णु राय, विनोद अग्रवाल, अवतार सिंह, प्रवीण समाधिया, रमाशंकर गुबरेले, पवन राजपूत, आशीष उपाध्याय, जे0डी0ए0 उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित, जिला आबकारी अधिकारी कृष्ण मोहन गोस्वामी, आबकारी निरीक्षक राजेन्द्र कुमार, अनिल साहू, मुकेश मिश्रा, मानसिंह राजपूत, सतीश राजपूत, अरविंद दुबे, सुरेश पुरोहित, अनिल दाऊ, संतोष राजपूत, रामआसरे गुप्ता, विनोद जैन ठेकेदार, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, जगत सिंह राजपूत, पार्षद राजेश त्रिपाठी, जगदीश अग्रवाल उरई, उमाशंकर राय, अनिल पाठक, सोमेन्द्र ठाकुर आदि प्रमुख जन मौजूद रहे।
    प्रारम्भ में मुख्य यजमान कमली-राजीव सिंह पारीछा विधायक बबीना ने श्रीमद् भागवत पुराण का पूजन कर आरती उतारी एवं मंच पर विराजमान रावतपुरा सरकार रविशंकर महाराज, श्रीधाम अयोध्या के महंत वैदेही बल्लभ शरण एवं महंत खेरापति सरकार का तिलक एवं माल्र्यापण कर शुभाशीश लिया। ठा0 शिवसिंह, ठा0 जवाहर सिंह, वीरेन्द्र सिंह मुखिया, पल्लव सिंह ठाकुर इंदौर ने कथा व्यास एवं कथा पारीक्षित का माल्र्यापण एवं शॉल उडाकर अभिनंदन किया। संचालन पं0 हरिओम थापक ने एवं आभार आशीष सिंह पारीछा ने व्यक्त किया।