• भ्रष्टाचार व दलाली पर रोक हेतु किसानों से जागरुकता का आहृवान
    झांसी। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ड्राप मोर क्राफ्ट (माइक्रो इरिगेशन) पर मंडलीय कृषक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत ने कहा कि किसान खेत में स्प्रिंकलर व ड्रिप इरिगेशन के माध्यम से सिंचाई करें इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जीवन का स्रोत्र जल है, इसकी एक-एक बूंद का संरक्षण करना है। वर्षा जल को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाए उसको खेत में ही रोका जाए। कम पानी में तैयार होने वाली ऐसी फसल का चयन किया जाए जिसका वाजिब दाम मिले। उन्होंने कहा कि किसान की आय में बढ़ोतरी के लिए किसान खेत पर गाय पाले और गोबर गोमूत्र से खेती करें। फसल में कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल ना करें, ऐसा करने से फसल से जहरीली हो जाती है और उत्पादन का मूल्य भी नहीं मिलता।
    विकासखंड गुरसराय में माधव पैलेस सभागार में सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए गरौठा विधायक ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसान जागरूक हो ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। दो दिवसीय कृषक गोष्ठी में विधायक राजपूत ने बताया कि बुंदेलखंड के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं और अनेकों योजनाएं बुंदेलखंड को देखते ही संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो, यह लक्ष्य है। इसे तभी पूर्ण किया जा सकता है जब किसान वैज्ञानिक व विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारियों के साथ खेती किसानी करेंगे। उन्होंने किसानों को जागरुकता का संदेश देते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार व दलाली प्रथा पर रोक लगेगी। उन्होंने किसानों को आय दोगुनी हो उसके लिए सुझाव देते हुए कहा कि खेत पर मेड़ व मेड़ पर पेड़ अवश्य लगाएं साथ ही खेत पर गोवंश का पालन किया जाए। गोबर-गोमूत्र से खेती हो ताकि मृदा स्वस्थ रहें और उत्पादन बेहतर हो। क्षेत्र में किसान जीरो बजट खेती को अपनाएं, फसल में रसायन कीटनाशक का प्रयोग बंद करें व सिंचाई में स्प्रिकंलर व टपक सिंचाई का इस्तेमाल करें तो लाभ अधिक होगा। उन्होंने कहा कि यदि पॉली हाउस में खेती की जाए तो लाभ अधिक होगा। पॉली हाउस में सब्जी की खेती करने से लाभ अधिक और नुकसान की संभावना कम है।
    विधायक गरौठा श्री राजपूत ने विभागीय अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि गोष्ठियों को ब्लॉक स्तर पर आयोजित किया गया, ऐसा करने से क्षेत्र के किसान सीधे कृषि वैज्ञानिकों से संवाद कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी गोष्ठियां अन्य विकास खंडों में भी आयोजित की जाए ताकि अन्य किसान भी गोष्ठियों का लाभ ले सके। उन्होंने किसानों से कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा जल संरक्षण के माध्यम महत्व को बताया गया इसका पालन अवश्य करें। जल है तो जीवन है एवं बिन पानी सब सून यह कहावत है परंतु यदि जल संचय व जल संरक्षण के बारे में नहीं सोचेंगे तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देंगे। उद्यान विभाग द्वारा स्प्रिकंलर व ड्रिप इरिगेशन योजना का लाभ लें। लाभ प्राप्त करने के लिए आप अपना पंजीकरण अवश्य कराएं।
    विधायक ने कहा कि क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब किसान स्वयं आगे आयेंगे। क्षेत्र में फसल क्षति की सही जानकारी देने का आव्हान करते हुए उन्होंने कहा कि मुआवजा सीधे खाते में पहुंचेगा। उन्होंने क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के लिए महिला समूहों का गठन पर बल देते हुए बताया कि समूह द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री हेतु जल्द ही बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुरुष और महिला दोनों काम करें और आमदानी बढ़ाए तभी आय दोगुनी होगी। गोष्ठी में डॉ सुनील सेठ प्रधान वैज्ञानिक ग्रासलैण्ड ने किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के महत्व को बताया तथा इससे हो रहे उत्पादन की जानकारी दी। उन्होंने उद्यानिकी की संभावनाओं, सिंचित क्षेत्रों में सब्जी की खेती तथा असिंचित क्षेत्रों में खेती के साथ फलों की बाग लगाने की जानकारी दी। डॉ पीके सोनी ने सामायिक फसलों की कटाई-मड़ाई व रखरखाव की जानकारी दी तथा गर्मी में खेती की जुताई के महत्व को भी बिंदुवार बताया। डॉ मुकेश चौधरी ने टपक सिंचाई व फौहार सिंचाई से होने वाले लाभ तथा उसकी देखरेख की जानकारी दी। डॉ एके सिंह प्रधान वैज्ञानिक ग्रासलैंड ने बुंदेलखंड के परिक्षेत्र में वर्षा का विवरणए उसका संरक्षण तथा उपयोग के साथ तकनीकी की जानकारी व महत्व के बारे में बताया। पुष्पेंद्र यादव ने औधानिक खेती में तुलसी, घृतकुमारी, शतापरी के महत्व की जानकारी दी एवं खेती के तौर तरीके एवं विपरण व्यवस्था के बारे में बताया। गोष्ठी में उप निदेशक उद्यान भैरव सिंह, नीरज सचान सहित अन्य विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। संचालन नरेंद्र कुमार जैन ने किया।