प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे भारतीय रेल के अभिन्न अंग के रूप में महत्वपूर्ण रेल मार्गों को सेवित करते हुए अन्य सामजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करती है। नियमित कर्मचारियो और ग्राहकों के अलावा उत्तर मध्य रेलवे से कई अन्य हितधारक भी संबद्ध हैं जैसे, अनुबंध मजदूर, आउटसोर्स कर्मचारी, यात्री सहायक, कुली या लाइसेंसधारी पोर्टर आदि। वर्तमान परिदृश्य के दौरान जब पूरा देश कोविड-19 के खिलाफ लड़ रहा है, ऐसे दौर में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि मे उत्तर मध्य रेलवे ने सामान्य दिनों में रेलवे और उसके ग्राहकों को सेवा प्रदान करके अपनी आजीविका अर्जित करने वाले सहयोगियों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है। श्री राजीव चौधरी, महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे ने सभी विभागों और मंडलों को निर्देश दिया है कि वे भारतीय रेल परिवार के इन सदस्यों को हर संभव मदद दें। उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं:   रेलवे अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न स्टेशनों पर पोर्टरों को राशन प्रदान कर रहे हैं, जैसे कि झांसी  रेलवे स्टेशन पर झांसी पार्सल में सभी पार्सल कर्मचारियों ने आपसी सदभाव और सहयोग से 20 बोरियों में करीब एक माह का राशन पानी पार्सल परिक्षेत्र में कार्य करने बाले प्राइवेट 20 लेवर / मजदूर (गैर रेलबे कर्मचारी) के घरों पर भिजबाया गया है। एक बोरी में निम्नबत समान रहा।  आटा    10 kg,  चावल     5 kg, दाल        1kg,  तेल         1kg,  चीनी        1kg,  चाय        .4kg,  हल्दी       .4kg,  मिर्ची       .4kg,  धनिया     .4kg,जीरा       .4kg,साबुन       2 नहाने बाला,साबुन       2 कपड़े बाला,आदि  थे। इस सहायता को डिवीजन और जोन के अन्य स्टेशनों तक भी बढ़ाया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों के आसपास रहने वाले यात्री सहायकों / कुलियों को रेलवे सुरक्षा बल ,आईआरसीटीसी बेस किचन या अन्य सामूहिक प्रयासों द्वारा तैयार किए गए भोजन के पैकेट भी लगातार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

·         उत्तर प्रदेश सरकार ने मज़दूरों की सहायता के लिए रु 1000/ – के रखरखाव भत्ते का प्रावधान किया है। उत्तर मध्य रेलवे के तीनों डिवीजनों – आगरा, झाँसी और प्रयागराज ने आधार संख्या और बैंक खाता विवरण जैसे आवश्यक दस्तावेजों के साथ पोर्टर्स की सूची तैयार कर ली है। आगरा डिवीजन में आगरा के विभिन्न स्टेशनों पर 117 और मथुरा में 107 पोर्टर हैं। आगरा डिवीजन के पोर्टरों के अपेक्षित दस्तावेज जमा करवा कर उनके खातों में इस सहायता राशि के भुगतान में सहायता प्रदान की गई है। जबकि झाँसी मंडल के अंतर्गत झांसी स्टेशन के लगभग 80 पोर्टर , ललितपुर में 9, उरई में 2 तथा बांदा स्टेशन पर 2 और प्रयागराज डिवीजन के प्रयागराज जंक्शन पर 150 पोर्टर, कानपुर सेंट्रल-157, टूंडला -53, अलीगढ़- 44, मिर्जापुर में- 42, विंध्याचल -05, प्रयागराज छिवकी -05 आदि सहित विभिन्न स्टेशनों पर 500 से अधिक पोर्टर हैं। इन सभी पोर्टर्स / यात्री सहायकों की सूची इन डिवीजनों द्वारा सभी आवश्यक विवरणों और दस्तावेजों के साथ तैयार की गई है और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रदान की जा रही है जिसके फलस्वरूप मदद राशि लाभार्थी के खाते में आना प्रारम्भ हो गयी है।

·        रेल मंत्रालय द्वारा पहले ही यह निर्धारित कर दिया गया था कि, रेल सेवाओं के निलंबन / लॉकडाउन की समाप्ति तक या इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा अन्य निर्देशों के अनुसार ट्रेनों, स्वच्छता, पैंट्री कारों, स्टेशनों, कार्यालयों और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों में ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विसेज (ओबीएचएस) जैसी सेवाएं प्रदान करने में लगे अनुबंधित और आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए उनको ‘ड्यूटी पर’ माना जाएगा और कठिनाइयों को कम करने के लिए उनका भुगतान किया जाएगा। यह जनशक्ति के आधार पर दिए गए अनुबंधों पर लागू होगा। लम्पसम आधार पर किए गए अनुबंधों के लिए (यानी जनशक्ति के आधार पर नहीं), अधिकतम भुगतान जो किया जा सकता है वह अनुबंध मूल्य के 70% तक होगा। रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाओं / लॉकडाउन के निलंबन के कारण संविदा कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी हटाए ना जाएं।

इन सभी व्यवस्थाओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। श्री राजीव चौधरी महाप्रबंधक / उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के अनुसार “ये सहायक कर्मचारी उत्तर मध्य रेलवे की कार्यप्रणाली का अभिन्न अंग हैं, और इस कठिन समय में उनकी मदद करना हमारा नैतिक दायित्व है।”