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झांसी। लाक डाउन के तीसरे चरण के पहले दिन बुंदेलखंड के तीनों जिलों में देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानों को खोला जाने की योजना पुलिस बल के नहीं मिलने से शत-प्रतिशत सफल नहीं हो सकी। हालत यह रही कि जनपद झांसी के आबकारी विभाग के सर्रकिल चार के अंतर्गत गुसराय की देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानों को विभाग के सर्किल इंस्पेक्टर आनंद सिंह ने सुबह से ही खुलवा दिया। इस दौरान थाना की पुलिस भी दुकानों पर मौजूद रहीं। दिन भर गुरसराय की दुकानों पर जबरदस्त तरीके से बिक्री हुई। हालत यह हो गयी कि मुख्यालय व उन सर्किलों से खरीददार भी गुरसराय पहुंच गये। इस के इतर जिला मुख्यालय ही नहीं अन्य सर्किलों में शराब की दुकानों को नहीं खोला जा सका जबकि शौकीनों ने सुबह से ही दुकानों पर डेरा डाल दिया था। इस तरह का मजमा दो तीन घण्टे लगी रही। इसके बाद थक-हार कर शौकीन दुकानों से लौट गये। उधर, गुरसराय में खुली शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना होने से अफरा तफरी का माहौल रहा। शौकीन जल्दीबाजी में शराब लेने के प्रयास में उचित दूरी का पालन नहीं करते दिखे। लोग बड़ी संख्या में शराब व बीयर खरीदने दुकानों पर जुटे रहे। लेकिन शासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन ना होने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। लोगों ने शराब की दुकानों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की मांग की है। ताकि सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा सके। इस सम्बन्ध में डिप्टी कमिश्नर आबकारी एसके राय ने बताया कि शासन के आदेश सोमवार से दुकानों को खोलने के थे, किन्तु पुलिस बल के नहीं मिलने से शत-प्रतिशत दुकानों को नहीं खोला जा सका। उन्होंने बताया कि मंगलवार से दुकानों को व्यवस्थित तरीके से खुलेंगी। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बताया कि एकल दुकानों को खोलने के आदेश दिए गए हैं, दुकानों पर भीड़ न लगे इसकी व्ययस्था करने को कहा गया है। बताया गया है कि मंगलवार से सुबह 10 से शाम सात बजे तक जिले की सभी दुकानों से शराब की बिक्री की जाएगी। कंटेनमेंट क्षेत्र की लगभग दस दुकानें पहले की तरह बंद रहेंगी। खरीदारों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। खरीदने और बेचने वाले दोनों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन की शुरुआत के जनपद की सभी दुकानों के शटर बंद हो गए थे। इसके कुछ दिनों तक तो शौकीनों ने किसी तरह से काम चलाया। इसके बाद सभी अपना गला तरह करने के लिए मोहताज हो गए। हालात का जमकर फायदा उठाया गया। जबरदस्त तरीके से पिछले दरवाजे से शराब की कालाबाजारी चलती रही। इसमें कतिपय देशी विदेशी मदिरा व बीयर के थोक व फुटकर लाइसेंसियों ने अपने-अपने स्टाक को खपा कर जमकर कमाई कर ली। इधर, कच्ची शराब का धंधा भी जोर पकड़े रहा। हालांकि, आबकारी व पुलिस विभाग की टीमों की छापेमारी की कार्रवाई जारी रही। इस सबके बावजूद अवैध कारोबारियों ने इस मौके पर कमाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यदि विभाग द्वारा गहराई से जांच की जाए तो पर्दाफाश हो सकता है कि शौकीनों के गले कैसे तय होते रहे।