झांसी व ललितपुर से गोरखपुर, देवरिया और बरौनी तक प्रवासियों को पहुंचाएंगी स्पेशल

 झांसी। रविवार को झांसी रेल मंडल द्वारा  6 श्रमिक स्पेशलों का संचालन किया गया जिसमें झांसी से देवरिया, गोरखपुर तथा बरौनी हेतु एक- एक स्पेशल तथा ललितपुर से गोरखपुर के लिए तीन गाड़ियों को चलाया गया है।  इन स्पेशल रेलगाड़ियों से लगभग 8,000 श्रमिक अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए।

जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर और देवरिया जाने वाली गाड़ियों को गोंडा और बस्ती स्टेशनों पर तथा बरौनी जाने वाली गाड़ी दानापुर स्टेशन पर भी ठहरेगी और इन जगहों पर पूर्व निर्धारित यात्रियों को उतरने की अनुमति होगी। झांसी स्टेशन पर श्रमिकों के खानपान, स्नैक्स तथा पानी की उचित व्यवस्था की जा रही है। रेलवे के साथ-साथ आईआरसीटीसी भी खानपान देने हेतु अपना योगदान दे रहा है। यात्रियों को खान-पान देने हेतु कैटरिंग स्टाफ के साथ –साथ स्काउटस एवं गाइडस को भी लगाया गया है. जिससे श्रमिक यात्रियों को खाद्य सामग्री का वितरण ठीक प्रकार से सुनिश्चित किया जा सके।

इसके साथ ही आज रविवार को  मंडल के स्टेशनों  छतरपुर व बांदा पर श्रमिक स्पेशल से 4500 प्रवासी श्रमिक पहुंचे। ये श्रमिक गाड़ियां श्री वैष्णों धाम कटरा व जयपुर से पहुंची।उन्होंने बताया कि श्रमिकों को स्टेशन पर मास्क की सुनिश्चितता के साथ सामाजिक दूरी का पालन भी किया जा रहा है. जिससे कोविड-19 के संक्रमण की संभावना को कम किया जा सके.इस कार्य में रेल सुरक्षा बल तथा अन्य कर्मी प्रमुखता से योगदान दे रहे हैं।

चिकित्साकर्मियों द्वारा सहयोग

 बताया गया कि शनिवार को सायं काल जाने वाली श्रमिक स्पेशल हेतु  झांसी रेलवे अस्पताल के चिकित्साकर्मियों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा प्रवासियों श्रमिकों को फूड पैकिट, फल एवं जल वितरण की व्यवस्था की गई. विभिन्न स्थानों से आ रहे लगभग 1500 प्रवासी श्रमिकों  एवं उनके परिवार हेतु भोजन की व्यवस्था की गई. इस कार्य को करने में रेलवे अस्पताल कर्मियों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की. फूड पैकिट,फल एवं पानी को वितरण हेतु सिविल प्रशासन सौंपा गया। खाद्यान्न वितरण के दौरान मास्क के साथ-साथ सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया किया गया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. आभा जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चन्द्र, वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी डा. उमेश चन्द्रा, डा. महेन्द्र सिंह, डा. सिद्धार्थ, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।