धन की कमी से टिकट वापसी व्यवस्था लड़खड़ाई, बैंक फुट पर रेलवे

झांसी। बिना किसी पुख्ता रणनीति के रेलवे द्वारा आकर्षित टिकट किराया वापसी की अधकचरी व्यवस्था से रेलवे जैसे विशाल संस्थान की जमकर किरकिरी हुई। उमरे के झांसी मंडल मुख्यालय पर आरक्षण केन्द्र पर लगातार तीन दिनों तक मांग के अनुरूप रुपयों की व्यवस्था नहीं हो पाने के लिए टिकट वापस करने वाले परेशान रहे। यह पहला मौका है जब रेलवे टिकट वापस करने के लिए काउंटर खोलने के बाद भी मांग के अनुरूप रुपयों की व्यवस्था नहीं कर पाया और दूरदराज क्षेत्र से टिकट निरस्त कराने आए लोग परेशान रहे व रेलवे की कार्यप्रणाली को कोसते रहे। लगातार तीन दिनों से हो रही किरकिरी से बैकफुट पर आए रेल प्रशासन ने चौथे दिन अर्थात गुरुवार को रुपयों की व्यवस्था कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को रेलवे द्वारा बैंक से वांछित धनराशि आहरित की जाएगी। इस धनराशि से टिकट वापसी का भुगतान किया जाएगा। बताया गया है कि टिकट वापस करने का काम प्रात: 10 बजे के बाद से किया जा सकता है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते रेलवे ने 23 मार्च से ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद कर रखा है। लॉकडाउन में दूसरे शहरों में फंसे लोगों को राहत देने के लिए 12 मई से स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया, जो अब 30 जून तक जारी रहेगा। वहीं, 25 मई से रेलवे ने 23 मार्च से 30 जून के बीच बनवाए गए आरक्षित टिकटों का निरस्तीकरण शुरू कर दिया है। 25 मई को ईद के कारण टिकट निरस्त कराने बहुत कम लोग पहुंचे थे और जो पहुंचे उन्हें टिकट बिक्री से आई राशि से भुगतान किया गया। इसके चलते टिकट वापस करने आए लोगों को इंतजार करना पड़ा। इसके बाद 26 मई को काउंटर पर धन न होने के कारण अधिकांश लोगों के टिकट निरस्त नहीं हो सके। यही स्थिति 27 की सुबह से भी बनी रही जबकि आरक्षण कार्यालय में टिकट निरस्त कराने वालों की भीड़ लगी रही । टिकट बुकिंग से होने वाली आय से ही किराया वापसी के चलते लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस अव्यवस्था के कारण भीषण गर्मी में दूरदराज से आए लोग बेहद परेशान हो रहे हैं। कयी बार विवाद की स्थिति रही । स्थति को देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा 28 को बैंक से धनराशि निकलवा कर टिकिट वापस करने के लिए रुपए दिए जाएंगे। अच्छा होता रेल प्रशासन यह पहले से ही कर लेता तो किरकिरी तो नहीं होती।