लड़की ने सामाजिक बंधनों को तोड़ा, बारात बिना दुल्हन के वापस लौटी

झांसी।फिल्म की तरह एक छोटे से गांव में प्यार के दो पंछियों की प्रेम विवाह के बंधन में बंधने की कहानी का अंत रोमांचक रहा। इस प्रेम कहानी में प्रेमिका ने ऐसा दुस्साहस किया कि लोग अवाक रह गए। प्रेमिका ने परिवार व समाज की बंदिशों को दरकिनार कर दिया और साथ जीने व मरने के कस्मे वायदे के साथ मंदिर में अपने प्रेमी के साथ वैवाहिक बंधन में बंध गयी जबकि जिस लड़के से उसकी शादी होना थी वह बारातियों के साथ बिना दुल्हन के लौट गया।

यह फिल्मी प्रेम कहानी झांसी जनपद के थाना लहचूरा के गांव धवाकर की है। धवाकर की एक किशोरी का निकटवर्ती गांव के लड़के से प्यार हो गया। दोनों में पर्याय इतना गहरा हो गया कि उन्होंने साथ जीने साथ मरने के कस्मे वायदे कर अलग आशियाने को बनाने का निर्णय लिया, किंतु प्यार के पंछियों की उड़ान में उनके परिवार अवरोध बन गये। इतना ही नहीं लड़की का रिश्ता उसके परिजनों ने गांव मड़ोर में तय कर दिया। लड़की ने इसका विरोध किया पर उसकी एक नहीं चली। इस पर उसने ऐसा निर्णय लिया जिसने सभी को अवाक कर दिया।

दरसल, 30 मई को लड़की के घर उसके विवाह की खुशियां बिखरीं थीं। बारात गांव में पहुंच चुकी थी। बारात के चढ़ने के पूर्व ही दुल्हन ने 112 पर काल कर पुलिस को बुला लिया और उसकी बिना मर्जी के शादी कराए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि वह परिजनों द्वारा तय लड़के से शादी नहीं करना चाहती। वह अपने प्रेमी के अलावा किसी और से विवाह नहीं करेगी। लड़की के प्रबल विरोध के चलते बारात नहीं चढ़ सकी। इसके बाद दूसरे दिन लड़की ने अपने प्रेमी को उसके गांव मेलौनी में स्थित मंदिर में बुलाया और उसके साथ वैवाहिक बंधन में बंध गईं। दोनों प्रेमियों के नव दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने पर उपस्थित लोगों ने शुभकामनाएं दी। इस तरह एक प्रेम कहानी का सुखद अंत हो गया।