झांसी। रात के अंधेरे में मौत के क्रूर पंजों ने पिता की जिंदगी को छीन लिया, किंतु इससे बेखबर पिता की तलाश में उसका 3 वर्ष का लाड़ला अपने छोटे छोटे कदमों से पटरी पर चल निकला। उसे यह नहीं पता था कि जिसकी तलाश है वह उससे बहुत दूर जा चुका है। यह दिलचस्प संवेदनशील मामला जब प्रकाश में आया तो लोग सहम गए।
दरसल, झाँसी मंडल के मऊरानीपुर स्टेशन पर तैनात सहायक स्टेशन मास्टर संजय सिंह पटेल ने विगत रात्रि लगभग 11:30 बजे पटरियों पर मेलोनी रोरा की तरफ से पैदल चला आ रहे लगभग 3 वर्ष का मासूम बच्चा रोते बिलखते हुए दिखाई दिया। पटरियों पर बालक को देख रेलवे के कर्मचारी चकित रह गए। रेल कर्मियों ने रोककर मासूम से पूछताछ की। लेकिन मासूम कुछ नहीं बोल पाया। इस हालत में बालक को स्टेशन पर रोक कर सुबह का इंतजार किया गया। सुबह सूचना मिली कि रोरा की तरफ ग्राम मेलोनी के पास पटरियों के किनारे एक युवक का शव पडा हुआ है। सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी सत्यपाल सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल मोके पर पहुँचा और शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। छानबीन में बताया गया कि मृतक अजय पुत्र मुलायम आदिवासी (29) निवासी खरो थाना लिधौरा मध्यप्रदेश अपनी छोटी साली की शादी में शामिल होने ग्राम मेलोनी आया था। शादी होने के बाद जब घर के लोग अपने अपने काम से फुर्सत होकर सोने की कोशिश कर रहे थे तभी अजय अपने पुत्र मिट्ठू (3) को साथ लेकर घर से निकल आया और ग्राम के पास से निकली पटरियों के किनारे बैठ गया। रात्रि के समय किसी मालगाड़ी की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी। रात्रि में अंधेरा अधिक होने और पिता की कोई आहट न मिलने की बजह से मासूम रोते बिलखते पिता की खोज में पटरियों पर पैदल ही निकल गया और चलते चलते रेलवे स्टेशन मऊरानीपुर जा पहुँचा। जहाँ रेलवे के कर्मचारियों को मासूम मिलने के बाद उन्होंने सुबह मासूम मिठ्ठू के नाना कन्हैया लाल आदिवासी को बुलाकर मासूम को सुपुर्द कर दिया। और कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दी।
कहते है जिसकी सुरक्षा खुद भगवान करता हो तो उसे कोई भी आंच नही आ सकती । कुछ यही हुआ मासूम मिठ्ठू के साथ हुआ। अगर रात्रि में कोई ट्रेन या माल गाड़ी निकली होती तो हो सकता था कि मासूम भी ट्रेन की चपेट में आ जाता। लेकिन वह बिल्कुल सुरक्षित है। लेकिन मासूम के पिता अजय की मौत के बाद पूरे परिवार में मातम का माहौल बना हुआ।