कार्यालय में ताला लगा, पीड़ित के सम्पर्क में आए स्टाफ की सूची बनी
झांसी। कोरोना वायरस रेलवे के विविध विभागों में चुपके चुपके पैर पसार रहा है। मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में सीनियर डीईई आफिस में सीनियर क्लर्क मेहरोत्रा को शिकार बनाने के बाद कंट्रोल रूम में दस्तक दी। इसके बाद कोरोना वायरस ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के पर्सनल विभाग में कामर्शियल सेक्शन में कार्यरत जूनियर क्लर्क कोरोना पाज़िटिव पाई गई। गुरुवार को दोपहर इसकी जानकारी लगने पर डीआरएम कार्यालय में सनसनी फ़ैल गई। सर्वाधिक परेशान वह कर्मचारी व अधिकारी हैं जो पीड़ित के सम्पर्क में रहे। हालात देख कर पर्सनल विभाग में ताला लगा दिया गया और शुक्रवार को स्टाफ के कार्यालय नहीं आने का फरमान सुना दिया गया। अब कार्यालय सोमवार को खुलेगा। दरअसल, शनिवार व रविवार को अवकाश है। इधर, पीड़ित के सम्पर्क में आए स्टाफ की सूची तैयार कर रेलवे अस्पताल की सीएमएस को उपलब्ध करा दी गई है। सम्पर्क में आए स्टाफ को होम कोरोंटाइन के लिए कहा जा सकता है।
कोरोना संक्रमण से हुई पिता की मौत
बताया गया है कि उक्त पीड़ित की तैनाती दयाधार पर की गई थी। पीड़ित महिला के पिता के संक्रमित होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। कोविड 19 की जांच में उक्त महिला कर्मचारी के संक्रमित होने की रिपोर्ट आज सामने आई थी।
मेडिकल कॉलेज में भर्ती होना नहीं चाहती पीड़ित
पिता की मेडिकल कॉलेज में मौत से आहत पीड़ित अब स्वयं अपने इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती होना नहीं चाहती। उसका आरोप है कि वहां लापरवाही के कारण उसके पिता की मौत हो गई है। उसने रेलवे अस्पताल में भर्ती कराने की अपेक्षा की है जबकि रेलवे अस्पताल कोरोना संक्रमित होने वाले कर्मचारियों को भर्ती करने में यह कह कर असमर्थतता जता रहे हैं कि यहां पर बने कोरोना वार्ड को जिला प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया है। पीड़ित महिला इलाज के लिए परेशान हैं।
पार्सल कार्यालय में भी संदिग्ध मामला
स्टेशन के दूसरे गेट के निकट स्थित पार्सल कार्यालय में भी एक हेड पार्सल क्लर्क के संदिग्ध कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली है। इस कर्मचारी की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल जिस तरह से रेलवे में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं वह चिंता का विषय है।