मार्च निकालकर आईजी को दिया ज्ञापन, जांच करा कर न्याय की मांग

झाँसी। पत्रकारों पर लगातार फर्जी मुकदमे व उत्पीड़न को लेकर उत्तेजित पत्रकारों ने झांसी मीडिया क्लब के तत्वावधान में सभा कर पत्रकारों पर पुलिस व प्रशासनिक रवैया की आलोचना की गई और मार्च निकालकर आईजी को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई। आईजी ने मामलों में न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

झांसी मीडिया क्लब के तत्वावधान में अध्यक्ष मुकेश वर्मा के नेतृत्व में पत्रकारों ने रानी लक्ष्मी बाई पार्क पर एकत्रित होकर सभा की। वक्ताओं ने लगातार पत्रकारों पर बढ़ रहे मुकदमों व उत्पीड़न पर रोष व्यक्त किया और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। इसके बाद पत्रकारों ने मार्च निकालकर  आईजी को ज्ञापन देकर बताया कि मऊरानीपुर सर्किल में राजनेतिक हस्तक्षेप के चलते दो माह में सात पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमे। कयी अन्य पर कार्रवाई की तैयारी है। पत्रकारों ने कहा कि मुकदमों की गैर जनपद से निस्पक्ष जांच कराई जाए व पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमों में सीओ मऊरानीपुर की भूमिका की जांच की जाए। ज्ञापन में बताया कि पिछले कुछ दिनों पूर्व जनप्रतिनिधि की कुछ ख़बरें पत्रकारों द्वारा प्रकाशित की गई। जो जनता के हित में थी लेकिन जनप्रतिनिधि उन खबरों से बौखला गए और साजिशन पुलिस पर लगातार दबाव बना कर पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज कराए जा रहे। मात्र दो माह में मऊरानीपुर सर्किल में सात पत्रकारों पर गम्भीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत करना वो भी बिना जांच पड़ताल किए। कहीं न कहीं सीओ मऊरानीपुर और जनप्रतिनिधि की मिली भगत दर्शा रहा। पिछले दिनों 8 जून 2020 को मऊरानीपुर थाना पुलिस ने पत्रकार देवेन्द्र चतुर्वेदी अजीत नायक ज्ञानेश मिश्रा व सोनू के खिलाफ जनप्रतिनिधि के गुर्गे कि तहरीर पर सिर्फ इसलिए मुकदमा लिख दिया कि उन पत्रकारों ने शोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधि के लापता होने की खबरें वायरल हो रही थी उन्हें छापा था। आपको बता दे की पूर्व में केंद्रीय मंत्री रही देश की बड़ी भाजपा नेता सुश्री उमा भारती जी के भी लापता होने की भी खबर समाचार पत्रो में प्रकाशित की गई थी। लेकिन उन्होंने कभी इस प्रकार पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज नहीं कराए। वहीं पत्रकार रवि परिहार पर एक शातिर बदमाश ने फायरिंग की थी जिसका मुकदमा दर्ज है। लेकिन शातिर बदमाश व उसके परिजन इस मुकदमे में राजीनामा कराने के लिए लगातार रवि परिहार पर दबाव बना रहे थे। जब दबाव काम नहीं आया तो जनप्रतिनिधि ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए उसी शातिर अपराधी के परिजनों के साथ मिलकर एक झूठा शिकायती पत्र पिछले माह सीओ मऊरानीपुर के पास दिया। जिसमे रवि परिहार व उसके साथियों ने खुद को निर्दोष बताने के लिए सीसीटीवी फुटेज सहित सारे साक्ष्य प्रस्तुत किए लेकिन सारे साक्ष्य को दरकिनार करते हुए रवि परिहार व उसके साथियों के खिलाफ गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं रानीपुर के पत्रकार बुंदेलखंड बुलेटिन के असगर अली के एक पुराने मामले को ताज़ा किया गया जबकि वर्तमान में कोई भी इस प्रकार की घटना नहीं हुई और उसने अभियोग पंजीकृत कर लिया गया। वहीं अमर उजाला के पत्रकार वीरेंद्र तिवारी पर मऊरानीपुर सर्किल के थाना तोड़ी फतेहपुर में रुपये गबन करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि बैंक में मौजूद सीसीटीवी कैमरे में कहीं भी वह न तो नोट निकालते दिख रहे और न ही गिनते हुए। वीरेंद्र तिवारी पर आरोप लगाया गया कि बैंक के बाहर उन्होंने रूपए निकाले इसका अभियोग पंजीकृत किया गया। साथ ही दबाव बढ़ाने के लिए 24 अगस्त को फिर वीरेंद्र तिवारी पर मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि 24 अगस्त को वीरेंद्र तिवारी सुबह नो बजे से दोपहर दो बजे तक झांसी के राजकीय संग्रहालय में मौजूद थे। बताया जा रहा कि वीरेंद्र तिवारी पर पूर्व में कई मुकदमे है लेकिन पूर्व में दर्ज हुए मुकदमों के बाद उन्होंने कोई अपराध तो किया नहीं। केवल अपने समाचार पत्र के लिए कार्य करते रहे। महोदय ये जो मुकदमे पत्रकारों पर दर्ज हुए इनमें मुकदमा दर्ज करने के पूर्व न तो किसी पत्रकार की मोबाइल लोकेशन सीडीआर और न ही कोई साक्ष्य संकलन किए। सिर्फ शिकायती पत्र और पीड़ित के बयान के आधार पर सीधे मुकदमे दर्ज कर दिए गए जो जनहित में ठीक नहीं। बिना किसी जांच पड़ताल के मुकदमे दर्ज कर देना कहा का न्याय है। केवल एक ही सर्किल मऊरानीपुर में ऐसी घटनाएं क्यों हो रही।
झाँसी मीडिया क्लब आपसे मांग करती है कि लापता होने की खबर प्रकाशित के बाद लगातार दर्ज हुए पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे कहीं न कहीं राजनेतिक हस्तक्षेप और मिली भगत दर्शा रहा है। मऊरानीपुर सर्किल में दर्ज पत्रकारों के मुकदमों की निस्पक्ष जांच कराने के लिए सभी मुकदमों कि विवेचनाएं गैर जनपद से कराई जाए साथ ही मऊरानीपुर सर्किल के सीओ की भी भूमिका इन सब मुकदमों में संदिग्ध लग रही है। इसलिए मुकदमों के साथ उनकी संदिग्ध भूमिका की भी जांच कराई जाए। इसमें यह भी जांच कराई जाए कि वादी ने सीओ या थानों में शिकायती पत्र देने के पूर्व और देने के बाद किस किस से मोबाइल से बात की तथा मऊरानीपुर सीओ की भी मोबाइल की सीडीआर की जांच कराई जाए कि शिकायती पत्र थाने में जाने के पूर्व व देने के बाद थानेदार शिकायत करता व किस नेता से बात हुई। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा की अगर मुकदमे दर्ज कराने में जनप्रतिनिधि का हाथ नहीं तो उसकी वादी और उनकी लोकेशन शिकायती पत्र देने के बाद और पहले नहीं मिलेगी न सीडीआर में नंबर मिलेंगे। अगर हमारे पत्रकार साथी दोषी पाए जाते है तो उन पर कठोर कार्यवाही की जाए अगर निर्दोष पाए जाते है तो उन्हें न्याय दिया जाए मुकदमा ख़तम किया जाए और साजिश राजनेतिक हस्तक्षेप करने वालो के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाए। इस दौरान अध्यक्ष मुकेश वर्मा, उपाध्यक्ष रवि शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार राम कुमार साहू व उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोशिएशन के जिलाध्यक्ष महेश पटेरिया, पत्रकार समाज कल्याण समिति के मंडल अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक शर्मा प्रिंस, राजीव सक्सेना, दीपक चौहान, नवीन विश्वकर्मा, इमरान खान, रोहित झा, भूपेंद्र रायकवार, राहुल कोष्ठा, नवल किशोर शर्मा, रानू साहू, सुल्तान आब्दी, रवि साहू, विकास विश्वकर्मा, मोहम्मद आफरीन, उदय कुशवाह, भरत कुलश्रेष्ठ, नीरज साहू, प्रमेन्द्र सिंह, अख्तर खान, प्रभात साहनी, विजय कुशवाह, राहुल उपाध्याय, मनीष अली, मनीष साहू, बृजेश साहू, अतुल वर्मा, धर्मेन्द्र लांबा, नवीन यादव, संजीव गोस्वामी, मुकेश तिवारी, आलोक श्रीवास्तव, रवि परिहार, अखिलेश राज, पंकज भारती, अरुण वर्मा, हरिओम कुशवाह, आमिर खान, मोहम्मद कलाम, बृजेश परिहार, अंकित शर्मा, मोहम्मद आरिफ खान, अरविंद लखेरा आदि पत्रकार उपस्थित रहे।