झांसी। आइस्मा के 25 नवंबर के धरने में यूएमआरकेएस ने भी शामिल होने का निर्णय लिया है। दरअसल,
प्रकृति के विपरीत कार्य करने पर कर्मचारियों पर जो मानसिक एवं शारीरिक दुष्प्रभाव पड़ता था उसके एवज में 1962 से 18 से 06 बजे के बीच कार्य करने वाले कर्मचारियों को रात्रि ड्यूटी भत्ता का भुगतान किया जाता था। लेकिन भारत सरकार ने तानाशाहीपूर्वक तरीके से 43200 से ऊपर वाले कर्मचारियों का रात्रि ड्यूटी भत्ता बन्द कर दिया है और कई जगह उनकी रिकवरी करने के आदेश भी दे दिए गए हैं। यह कर्मचारियों के साथ न्यायोचित नही है इससे कर्मचारियों में बहुत ज्यादा रोष व्याप्त है और जगह जगह विरोध की स्थिति निर्मित हो चुकी है।
इस संबंध में BRMS/UMRKS ने कई बार रेलवे बोर्ड सीईओ को पत्र लिखे एवं ट्विटर पर ट्रेंड्स भी चलवाया। इसी क्रम में NDA बहाल करने हेतु AISMA ने कर्मचारियों एवं संगठनों से 25 नवंबर 2020 को धरना में शामिल होने की अपील की। इस पर UMRKS झांसी मंडल के मंडल मंत्री सी के चतुर्वेदी ने भी धरना में शामिल होने का प्रस्ताव रखा। इस पर मंडल कार्यसमिति की बैठक में निर्णय लिया है। बैठक में केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अम्बिका प्रसाद श्रीवास्तव, सहायक महामंत्री हेमंत कुमार विश्वकर्मा, मुकेश तिवारी, अंकित श्रीवास्तव, अतुल सक्सेना, नीरज शर्मा, राजेंद्र सिंह परिहार, स्वतंत्र साहू, कपिल मिश्रा, संजीव वर्मा, एच सी अनुरागी, मुकेश मौर्या, नीरज शिवहरे, इत्यादि लोग उपस्थित हुए।

गौरतलब है कि आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारणी के आहवाहन पर समस्त भारतीय रेल के 68 मंडलो में 25 नवंबर को मंडल रेल प्रबन्धक कार्यालय के सामने दोपहर 12 से 2 बजे के मध्य ,स्टेशन मास्टर्स संवर्ग की विभीन्न मांगों विशेष कर वर्तमान में जारी रेलवे बोर्ड के पत्रांक RBE 83/2020 दिनाँक 29 -09-2020 के अनुसार बेसिक पे 43600 के ऊपर वाले सभी कर्मचारियों का रात्रि ड्यूटी भत्ता को बंद कर दिया गया है और झांसी मंडल में भी अक्टूबर माह से इसका भुगतान रोक दिया गया है के विरोध में एवम इसके अतिरिक्त रेलों के निजीकरण, को रोकने, ओपन लाइन स्टाफ को 50 लाख बीमा कवर प्रदान करने,संरक्षा / तनाव भत्ता देने, अमानवीय ई आई रोस्टर के उन्मूलन हेतु एक शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है।