झांसी। सद्गुरु का आश्रय लेने वाले व्यक्ति का कल्याण हो जाता है, यदि कोई अपराध भी बन जाए तो भगवान गुरु होने के नाते उसके अपराध को छमा कर देते हैं।

उक्त उद्गार मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दासजी महाराज ने विनय पत्रिका सत्संग समारोह के तहत चल रही कथा के दौरान व्यक्त किए। मेहंदी बाग स्थित श्री राम जानकी मंदिर के भव्य प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय सत्संग आयोजित किया गया। रविवार को महोत्सव के अंतिम दिन की कथा में विनय पत्रिका के 133 वे पद की व्याख्या की गई। इस मौके पर मलूकपीठाधीश्वर देवाचार्य राजेन्द्र दासजी महाराज ने कहा कि जीव कल्याण सिर्फ सद्गुरुदेव के चरणों का आश्रय लेने में है। उन्होंने कहा कि एक बार यमराज के दूतों ने नरक से बचने का उपाय पूंछा तब यमराज ने कहा कि कोई भी जीव यदि सद्गुरुदेव का आश्रय ले, उनसे राम नाम मंत्र लेकर तुलसी की कण्ठी धारण करे , एकादशी व्रत करे और गुरुदेव द्वारा दिया गया राम नाम का जप करे तो यदि उससे अपराध भी बन जाए तो भगवान उसे छमा कर देते हैं। अपने नाते न सही भगवान सच्चे सद्गुरु के नाते हमें माफ कर देते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गुरु परंपरा में ही शरणागति लेना चाहिए ऐसे मैं ही उसका कल्याण है। हम कैसे भी क्यों न हों लेकिन सच्चे गुरू हमेशा हमारा कल्याण ही चाहते हैं, उनका हम से कोई स्वार्थ नहीं होता। जिसका अपने शिष्यों से कोई स्वार्थ हो वह सच्चा सद्गुरु नहीं हो सकता। कथा के समापन पर महाराज जी ने सभी कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद देते हुए कहा इसी तरह आप सभी नगरवासी धर्म के पथ पर बढ़ते रहे श्री रामराजा सरकार सभी का कल्याण करें. भगवान राम जानकी मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया. भगवान के दरबार का विशेष श्रृंगार एवं पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान आयोजन कमेटी के संरक्षक महंत राम प्रिय दास जी, युवराज महंत मेहंदी बाग सरकार श्री प्रेमभूषण दास जी, महाराज, अंचल अडजरिया, ब्रज भूमि दास, पंडित हरिओम पाठक हेतराम दास जी अमित गोस्वामी, राजू रामायणी, पुरुकेश अमरया,संजय मार्बल, भूपेंद्र रायकवार ,पुनीत, राघव उपस्थित रहे। संचालन एवं आभार चरण सेवक पंडित पीयूष रावत ने व्यक्त किया।