सास, ससुर सहित अन्य छह ससुराली जनों को सात- सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

झांसी। विवाहिता की हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंकने के मामले में दहेज़ हत्यारोपी पति को आजीवन सश्रम कारावास व सास, ससुर सहित अन्य छह ससुराली जनों को विशेष न्यायाधीश अनु.जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम जयतेन्द्र कुमार की अदालत में सात- सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।
विशेष लोक अभियोजक केशवेन्द्र प्रताप सिंह एवं कपिल करौलिया के अनुसार विगत 20 मार्च 2016 को जीआरपी को रेलवे ट्रैक पर करीब 30 वर्षीय महिला का शव मिला था। शव के पास से मिले मोबाइल में फीड एक नम्बर पर काल की गई।जिसे रिसीव करने वाले उमेश ने बताया उसकी बहन राधा अपनी ससुराल से गायब है. उमेश ने मौके पर आकर मृतका की शिनाख्त राधा पुत्री बृजलाल निवासी ग्राम बैजपुर के रूप में करते हुए बताया कि राधा पत्नी चन्दू उर्फ चन्द्रशेखर निवासी तालपुरा थाना नवाबाद की वह लोग तलाश कर रहे थे। उपस्थित परिजनो आदि को पंचान
नियुक्त कर शव का पंचायतनामा किया गया। मृत्यू सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया गया।
तदोपरान्त वादी मुकदमा उमेश पुत्र स्व. बृजलाल ने थाना नबावाद में हस्तलिखित तहरीर देते हुए बताया कि २८ मई १५ को बहन राधा की शादी चन्द्रशेखर पुत्र जगदीश निवासी अम्बेडकर नगर तालपुरा के साथ की गयी थी जिसमें अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दहेज दिये जाने के बाद भी पति चन्द्रशेखर, ससुर जगदीश, सास राजकुमारी, जेठ दीपू. जेठानी रानी व ननद रितू व रितु के पति उसकी बहन को कम दहेज मिलने के ताने मारने लगे और भूखा प्यासा रख मारपीट करने लगे। इसकी शिकायत उसकी बहन ने घटना के दस दिन पूर्व थाना नबावाद में भी की थी। १९/२० मार्च २०१६ को राधा को सभी ससुरालियों ने साजिश कर रात में मारपीट कर जान से मार दिया और मरणासन्न अवस्था में रेलवे ट्रेक पर डाल दिया। राधा ने अपने घरवालो को यह बात बतायी थी कि यह सभी लोग उसे मारकर चन्द्रशेखर की दूसरी शादी पर काफी दहेज लेने की बात कर रहे है।जब सुबह उमेश व उसके घर वाले बहन की ससुराल गये तो सभी ससुरालीजन बोले कि तेरी बहन को व उसके पेट में पल रहे बच्चे को मारकर रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया है। तहरीर के आधार पर अभियुक्तगण चन्द्रशेखर उर्फ उर्फ चन्दू अहिरवार,जगदीश अहिरवार, दीपक उर्फ दीपू अहिरवार, श्रीमती राजकुमारी, श्रीमती रानी, राजेश उर्फ
कल्लू व श्रीमती रीतू के विरूद्ध धारा ४९८ए, ३०४बी, ३१४ भा. द. सं एवं धारा ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत थाना नबावाद में मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यो एवं गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त चन्द्रशेखर उर्फ चन्दू अहिरवार को अपराध अन्तर्गत धारा-३०४बी भादसं० के आरोप में आजीवन सश्रम कारावास एवं अभियुक्तगण जगदीश अहिरवार, दीपक उर्फ दीपू अहिरवार, श्रीमती
दीपू अहिरवार, श्रीमती राजकुमारी, श्रीमती रानी, राजेश उर्फ कल्लू एवं श्रीमती रीतू प्रत्येक को धारा ३०४बी भादंसं के अपराध में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास, अभियुक्त चन्द्रशेखर, जगदीश अहिरवार, दीपक उर्फ दीपू अहिरवार, श्रीमती दीपू अहिरवार, श्रीमती राजकुमारी, श्रीमती रानी, राजेश उर्फ कल्लू एवं श्रीमती रीतू प्रत्येक को ४९८ए भा.द.स. के आरोप में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास,अभियुक्तगण चन्द्रशेखर उर्फ चन्दू अहिरवार, जगदीश अहिरवार, दीपक उर्फ दीपू अहिरवार, श्रीमती राजकुमारी, श्रीमती रानी, राजेश उर्फ कल्लू एवं श्रीमती रीतू प्रत्येक को धारा ४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के आरोप में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।