– मुखबिर तैयार कर होगा लिंग अनुपात सुधारने का प्रयास
झांसी। कन्या भ्रूण हत्या व भ्रूण के लिंग की जांच करने वाले केन्द्रों की जानकारी जुटाने में मुखबिरों की मदद ली जाएगी। इस तरह मुखबिर योजना के अंतर्गत केन्द्रों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी है। मुखबिर योजना के प्रचार प्रसार के लिए कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा ने मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिये हैं।
कमिश्नर का कहना है कि प्रदेश का घटता लिंग अनुपात एक गंभीर चिंता का विषय है। विगत एक दशक में देखा गया है कि वयस्क लिंग अनुपात के सापेक्ष 0-6 आयु वर्ग के लिंग अनुपात में अधिक गिरावट आयी है। जनगणना-2011 के अनुसार गत एक दशक में प्रदेश का 0-6 आयु वर्ग के लिंग अनुपात में 14 अंको की गिरावट दर्ज की गयी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यही गिरावट 8 अंको की है। झाँसी मण्डल के झाँसी जनपद में 20 अंक, ललितपुर में 15 अंक तथा जालौन जनपद में 8 अंकों की गिरावर्ट दर्ज की गयी है। यह स्थिति चिंताजनक है तथा इससे निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि जनपद स्तर पर डिक्वाय आपरेशन के संचालन में सहयोग हेतु सहमत/इच्छुक महिला राज्य कर्मचारियों की सूची तैयार की जाये ताकि सूचना मिलने पर उनकी सेवाएं ली जा सकें। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी अपनी अध्यक्षता में एक विशेष बैठक प्रतिमाह बुलाएं तथा जनपद में संचालित अल्ट्रासाउन्ड केन्द्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाये। लिंगानुपात में गिरावट वाले ब्लाक में विशेष अभियान चलाकर अवैध कृत्य में संलिप्त लोगों को चिन्हित कराकर उनके विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जाये। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु यह आवश्यक है कि पुलिस, सतर्कता, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों/ऐजेन्सियों के कार्यालयों में संलग्न शासनादेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराई जाये तथा इन विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों का यथासम्भव सहयोग लिया जाये। जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक के मार्ग दर्शन में अन्तर्राज्यीय सीमा के समीप के क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर विशेष सर्च अभियान चलाया जाए तथा विशेष रूप से सतर्कता तंत्र का उपयोग किया जाये।
कमिश्नर ने संस्थाओं अथवा अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच के लिए अपर निदेशक डॉ॰ अल्पना बरतारिया को निर्देश दिये वही आपसी विभागों के समन्वय के लिए सिफ़प्सा/एनएचएम मण्डल प्रबन्धक आनंद चौबे को नोडल नामित किया है।
क्या है मुखबिर योजना
प्रदेश सरकार द्वारा अवैध लिंगजांच में लिप्त अपराधियों को पकड़ने के लिये जनसामान्य की सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुखबिर योजना लागू की गयी है। इसके अंतर्गत गुप्त तरीके से इस कार्य में लगे लोगों की सूचना देकर रंगे हाथों पकड़वाने के लिए एक मुखबिर, एक मिथ्या ग्राहक और एक सहायक की टीम मिलकर योजना बनाकर कार्य कर यदि इसमें सफल होते हैं तो मुखबिर को 60 हज़ार, मिथ्या ग्राहक को एक लाख और सहायक को 40 हज़ार रूपये प्रोत्साहन रूप में तीन किस्तों में दिये जाते हैं।