– ट्रेन को 7 मिनट पहले ही पहुंचा दिया ग्वालियर स्टेशन

झांसी/ग्वालियर। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोमवार को रेलवे में नारी सशक्तीकरण की छवि दिखाई दी। महिला रेल कर्मियों द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस का संचालन व सुरक्षा झांसी स्टेशन से ग्वालियर स्टेशन के मध्य बखूबी किया गया। इस गाड़ी में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, गार्ड, टिकट चेकिंग स्टाफ और रेल सुरक्षा बल के जवान सभी महिला कर्मी रहे। झांसी रेलवे स्टेशन पर गाड़ी की रवानगी के अवसर पर झांसी स्टेशन पर मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर, अपर मंडल रेल प्रबंधक/इंफ़्रा अमित सेंगर, अपर मंडल रेल प्रबंधक/परिचालन दिनेश वर्मा सहित अन्य अधिकारीगण व महिला रेल कर्मी उपस्थित रहीं।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महिला दिवस पर बनारस से ग्वालियर के बीच चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस को झांसी से ग्वालियर के बीच महिला स्टाफ से संचालित कराया गया। इसके तहत लोको पायलट कौशल्या देवी, सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता के हाथ में ट्रेन की कमान रही। उप स्टेशन प्रबन्धक रेणु कुमारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर गाडी झाँसी से ग्वालियर की और रवाना किया गया I ट्रेन में टिकट जांच कर्मी पवित्रा शर्मा, शिवा मैथ्यू, सुष्मांजलि रमन व् प्यारी बेटी रेल सुरक्षा बल से उमा यादव, पूजा गौतम, नीलू सचान, पूजा एवं प्रीती वर्मा द्वारा ट्रेन में सुरक्षा का जिम्मा लिया गया I गार्ड का कार्यभार प्रगति सेंगर ने संभाला। नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल ने यह कदम उठाया है। महिला लोको पायलट का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर झांसी स्टेशन पर सम्मान किया गया और उसके बाद वह ग्वालियर के लिए ट्रेन लेकर रवाना हुईं। यह ट्रेेन अपनेेेे तय समय से 7 मिनट पहले ही ग्वालियर स्टेशन पहुंच गयी। ट्रेन का ग्वालियर स्टेशन पर समय 8.30 बजे का था, लेकिन दोनों महिला लोको पायलट 8.23 बजे ही ट्रेन को लेकर ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफार्म पर जा पहुंची। वहां स्टेशन पर महिला स्टाफ का जोरदार स्वागत किया गया।

चुनौतियों से भरा है जॉब

ट्रेन को झांसी से ग्वालियर चलाकर लाईं लोको पायलट कौशल्या का कहना है कि वह 2013 से ट्रेन चला रही हैं। 2019 से यात्री ट्रेन चलाने का मौका मिला। ट्रेन चलाना एक चुनौतियों से भरा जॉब है। एंटी नेचर जॉब होता है। जब लोग सो रहे होते हैं तब हम ट्रेन चला रहे होते हैं। कई तरह की समस्याएं आती हैं, लेकिन खुशी भी मिलती है कि महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। रेलवे महिलाओं को बहुत सपोर्ट करता है।

हर दिन एक नयी चुनौती
सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता 2015 से ट्रेन चला रही हैं। उन्होंने कहा कि इस ​जॉब में हर दिन एक नया चैलेंज होता है। हम महिलाएं ही हैं जो घर के साथ-साथ ट्रेनों को भी आसानी से चला लेते हैं। रेलवे में महिलाओं की अच्छी स्थिति है। अब तो हर फील्ड में महिलाएं परचम लहरा रही हैं।