। ईदगाह में आयोजित बैठक में देवबंदी बरेलवी और शिया उलमा ए इकराम व आवाम ने आपस में फैसला किया है कि जहां पर डीजे बैन्ड खड़े होकर खाना होगा और दहेज सजाया जाएगा लोगों से अपील की है कि वहा शादी में शिर्कत न करें और निकाह पढ़ाने वाले ना जाये न निकाह पढाये व समाज में बढ़ती रसमें फिजूलखर्ची से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। लोगों से कहा है कि अपनी औलादों को तालीम से आरास्ता करें । शहर काजी  मुफ्ती साबिर कासमी ने कहा है कि कम खर्च करना व फिजूलखर्ची से बचना निकाल की बरकत है, शरीयत के खिलाफ अमल करने से बचना हर एक की जिम्मेदारी है। मौलाना याकूब बरेलवी ने कहा कि निकाह सादा था सादा ही होना चाहिए। खड़े होकर खाने की सख्त मजम्मत की है। मौलाना शाने हैदर ने कहा है कि निकाह मस्जिदों में करने की आदत डालो जो हमारे नबी का तरीका है मौलाना हाशिम साहब ने कहा कि शरीयत के खिलाफ शादी होने पर निकाह नहीं पढ़ाएंगे। इस मौके पर मौलाना मुबीन कादरी, मौलाना सलमान कासमी, मौलाना ताहिरूल कादरी, मौलाना रिजवान कासमी, कारी मोहम्मद अंसार, कारी हसीब अहमद, मौलाना फुरकान कासमी, मौलाना फुरकान कादरी, मुफ्ती खालिद, हाफिज अमजद, सूची नौशे मियां, मौलाना जुबैर कासमी, मौलवी अजीम कारी, मसीहुद्दीन हाफिज हसनैन, हाफिज रिजाज, मौलाना खुर्शीद, मुफ्ती आरिफ, मुफ्ती इमरान, हाफिज असद, मौलाना एजाज, हाफिज सलमान रजा, हाफिज जाबैद रजा, सादिक बरकाती, खलील बरकाती, मोहम्मद अनस बिसात खाना बगैरा मौजूद रहे। बैठक का संचालन मौलाना मोहम्मद सैफुद्दीन ने व आभार शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद साबिर कासमी ने व्यक्त किया।