प्रयागराज जंक्शन व कानपुर सेंट्रल स्टेशन का विश्वस्तरीय सुविधाओं से होगा पुनर्विकास

प्रयागराज। महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने आईआरएसडीसी के अधिकारियों, उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख विभागाध्यक्षों, डीआरएम प्रयागराज मोहित चंद्रा व प्रयागराज डिवीजन और मुख्यालय के अधिकारियों की टीम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल स्टेशन के पुनर्विकास योजना की समीक्षा की।
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी), रेलवे के स्वामित्व वाली सार्वजनिक उपक्रमों का एक संयुक्त उपक्रम, भारतीय रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहा है जिसमें उत्तर मध्य रेलवे के ग्वालियर, प्रयागराज जंक्शन, कानपुर सेंट्रल, और आगरा कैंट स्टेशन शामिल हैं। संजीव कुमार लोहिया एमडी और सीईओ आईआरएसडीसी के नेतृत्व में आईआरएसडीसी के अधिकारियों की टीम ने उत्तर मध्य रेलवे के दो सबसे महत्वपूर्ण एनएसजी -2 स्टेशनों के पुनर्विकास पर विस्तृत प्रस्तुति दी। पीपीपी मोड के माध्यम से प्रस्तावित पुनर्विकास के तहत, दोनों स्टेशनों को विकसित और अनुरक्षित भी किया जाएगा, जिसके लिए प्रतिस्पर्धी बोली की प्रक्रिया के माध्यम से चयनित प्रस्ताव दाता द्वारा विकास कार्य किए जाएंगे। स्टेशनों के लिए प्रस्तावित विकास कार्य 7Cs अवधारणा पर आधारित है, जिसमें सिटी सेंटर का निर्माण, कंजेशन फ्री स्टेशन अर्थात अलग आगमन और प्रस्थान, लिफ्ट, एस्केलेटर, अन्य यात्री सुविधा की उपलब्धता, मौजूदा प्रकृति और स्वरूप का संरक्षण स्वच्छता, संचार सुविधाएं और परिवहन के अन्य साधनों के साथ संयुक्त विकास शामिल हैं। योजनाओं की तैयारी और अंतिम रूप देते समय, स्टेशन व उसके आसपास के विकास और शहर में मेट्रो आदि के साथ कनेक्टिविटी को भी शामिल किया जा रहा है ताकि यात्रियों को एक सुखद यात्रा का अनुभव प्रदान किया जा सके।
प्रयागराज जंक्शन के लिए प्रस्तावित योजना के तहत माघ, कुंभ और महाकुंभ मेला अवधि के दौरान तीर्थयात्रियों के यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्टेशन के पुनर्विकास की योजना इस तरह से बनाई जा रही है कि प्रदान की जाने वाली सुविधाएं आगामी 60 वर्ष की अवधि तक सेवा देने में सक्षम रहें, जिसके लिए सभी संभावित पहलुओं पर विचार किया जा रहा है और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है। सिविल और टाउन प्लानिंग अधिकारियों के साथ उचित समन्वय भी विकास प्रक्रिया का हिस्सा है, क्योंकि रेलवे स्टेशन सही अर्थों में सिटी सेंटर के रूप में विकसित होगा और समग्र तथा व्यापक रूप से सभी आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम रहेगा।
ग्वालियर,प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल के पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान आईआरएसडीसी द्वारा तैयार किया गया है और रेलवे द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार विकास कार्य करने के लिए एजेंसी के चयन के लिए बोलियों को आमंत्रित करने से पहले आवश्यक आंकलन एवं जांच प्रक्रियाधीन है। आगरा कैंट स्टेशन के संबंध में आईआरएसडीसी द्वारा वैचारिक योजना और टोपोग्राफिक सर्वे की तैयारी प्रक्रियाधीन है। महाप्रबंधक ने आईआरएसडीसी और रेलवे के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल स्टेशनों की विकास योजना की समीक्षा के क्रम में वे सुनिश्चित करें कि यात्री और अन्य आवश्यक सुविधाओं की सभी वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप सभी आवश्यक सुधारों को समाहित करने के लिए योजना की सावधानीपूर्वक जांच की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि विकसित की जा रही सुविधाओं में डीएफसी के संचालन के साथ ट्रैफिक के संभावित परिवर्तन और वृद्धि सहित प्रयागराज छिवकी, सूबेदारगंज, गोविंदपुरी आदि जैसे सैटेलाइट स्टेशनों के विकास को भी ध्यान में रखा जाए। उन्होंने इस पर विशेष बल दिया कि शहर और आस-पास के स्थानों के विकास के अनुरूप ही स्टेशन पर विकास होना चाहिए, ताकि यह दीर्घकालिक आधार पर जनता की आकांक्षा को पूरा करने में सक्षम रहे।