झांसी। करोना महामारी के दौर में लाक डाउन ने शहर हो या गांव में जनमानस के साथ साथ पशु पक्षियों को भी परेशान कर दिया है। ऐसे में सर्वाधिक अभाव ग्रस्त जंगल के जीव जन्तु हैं जिनकी किसी को सुध नहीं है। इनकी सुध ली झांसी के समाजसेवी संदीप सरावगी ने क्योंकि वह मानवसेवा के साथ पशु-पक्षियों की सेवा को भी मानवता का धर्म मानते हैं।

संदीप सरावगी ने आज झांसी के सीमावर्ती मप्र के ओरछा के वीरान जंगल में बेजुबान बंदरो को भोजन करा कर आत्मिक शांति महसूस की। उन्होंने भगवान रामराजा की नगरी से सटे जंगल में भूखे बंदरों को केला और चने खिलाए। इस दौरान वहां बंदरों का समूह उमड़ पड़ा। इस दृश्य को वहां से गुजर रहे पत्रकार ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। बंदर संदीप के हाथों से केले लेकर भाग रहे थे और झुंड के झुंड में वह अपनी भूख मिटा रहे थे। इस दौरान संदीप सरावगी ने बताया कि वह अपने सहयोगी साकेत के साथ यहां आये हैं। उन्होने बताया कि लाॅकडाउन के चलते ओरछा पृथ्वीपुर मार्ग से आवागमन बंद है। क्योंकि प्रदेश की सीमा को पूर्णतः बंद रखा गया है। ऐसे में इस रास्ते में जंगल में रहने वाले हजारों पशु भूख से तड़फ रहे हैं। इसकी जानकारी लगने पर वह यहां पहुंचे हैं। उन्होंने केले व चने का वितरण किया किया। इससे उन्हें आत्मिक शांति महसूस हुई है।