– झांसी की सड़क से लावारिस डोग को विदेश में मिला आश्रय

झांसी। इंसान हो या जानवर की जिंदगी, बदलाव अक्सर होता है पर कभी सुखद तो कभी दुखद, लेकिन जब अकल्पनीय बदलाव होता है तो सुर्खियां बन जाता है। झांसी नगर में गली के लावारिस कुत्ते की जिंदगी में ऐसा ही अकल्पनीय बदलाव हुआ जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। जी हां यह हकीकत में हुआ है और इसमेें मददगार बनी जीव जंतुओं की सुरक्षा करने वाली संस्था “जीव आश्रय”।
दरअसल, झांसी में जीव आश्रय समिति की संचालिका मिनी खरे को फ़रवरी 21 में जानकारी मिली थी कि सीपरी बाजार आईटीआई के पास एक छोटा डोग जिसे आंखों से नहीं दिखाई दे रहा, भटक रहा है। इस पर मिनी खरे अपने टीम सदस्य शकील के साथ वहां पहुंची और लावारिस डोग की हालत देख कर दुःखी हो गई। उन्होंने बेसहारा का सहारा बन उपचार कराने का निर्णय लिया। इसके साथ ही उन्होंने डाग को अपने साथ ले जाकर पशु हॉस्पिटल में उपचार कराया। पशु चिकित्सक ने उसकी आंखों की रोशनी वापस आने को मनाही कर दी। इस पर भी मिनी खरे ओर उनकी टीम ने हताश हुई और न ही हिम्मत हारी। उन्होंने उम्मीद के साथ उस लावारिस डोग कि हालत बताते हुए उसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया और उसकी परवरिश खुद करते रहे। इस दौरान उन्होंने उसका नाम शेरी रखा था। सोशल मीडिया पर डाग की खबर वायरल होने के बाद जानवरों की देखभाल करने वाली यू एस ए की  एक संस्था की हेलन ब्राऊन ने इसके अडॉप्शन के लिए पहल की और दिल्ली की डॉ. प्रेमलता चौधरी की टीम झांसी आई और इसे दिल्ली ले गई। डाग को दो महीने उनकी देखरेख में दिल्ली में रखा गया। इसके बाद जून में यह पिल्ला अमेरिका पहुंच गया। जानवरों के लिए काम करने वाली  अमेरिकी संस्था हेलेन ब्राउन ने इसे अपने पास रखा और इसके लिए किसी गोद लेने वाले की तलाश में जुट गई। अमेरिकी संस्था हेलेन ब्राउन की मेहनत रंग लाई और 12 जुलाई को अमेरिकी महिला ने उक्त कुत्ते के बच्चे को गोद ले लिया। आज मिनी खरे ने उसी डोग कि अमरीका से देखभाल कर रही महिला के साथ फोटो शोशल मीडिया पर वायरल करते हुए काफी खुशी जाहिर की। इस खबर ने जहां पशु प्रेम का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया वहीं साबित कर दिया कि जिंदगी कभी भी बदलाव कर सकती है।