– प्राचीन लक्ष्मी तालाब के अतिक्रमण से एनजीटी नाराज, रिपोर्ट मांगी
झांसी। झांसी में चंदेल कालीन प्राचीन लक्ष्मी ताल को अतिक्रमण से बचाने में जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर एनजीटी (दिल्ली) ने संज्ञान लिया है और दो महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, तालाब की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में जांच पड़ताल हेतु एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक समिति का गठन किया जिसमें प्रमुख सचिव शहरी विकास यूपी, झांसी विकास प्राधिकरण और जिला मजिस्ट्रेट झांसी शामिल थे। यदि एनजीटी (दिल्ली) इस मामले में गंभीर रुख अपनाता है तो लगभग 40 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत लक्ष्मी तालाब के सौन्दर्यीकरण के कार्य को पलीता लग सकता है। यह कार्य 18 माह में यह कार्य पूर्ण होना है। कार्यदायी संस्था मैसर्स बीएससी प्रोजेक्ट प्रा0लि0 द्वारा उक्त कार्य कराया जायेगा। हाल ही में कार्य का भूमि-पूजन सांसद द्वारा किया गया था। सौंदर्यीकरण में लक्ष्मी तालाब के पर्यटक विकास, नौका बिहार की व्यवस्था के साथ सेल्फी प्वांइट तैयार किया जाना है। लक्ष्मी तालाब के सौन्दर्यीकरण का मुख्य आकर्षण तालाब के मध्य में महारानी लक्ष्मीबाई की स्मृति की स्थापना, तालाब के चारों तरफ सुसज्जित पथ का निर्माण, लक्ष्मी मन्दिर की ओर पार्क का निर्माण, पर्यटकों के लिये पार्किंग की सुविधा व खान-पान एवं ई-शौचालय सुविधाओं का निर्माण भी कराया जाना है। हालांकि पूर्व से ही तालाब में गंदे नालों का पानी रोकने के लिए लक्ष्मी तालाब के चारो ओर पक्के नालो का निर्माण कराया जा रहा है। इससे नालों का गंदा पानी लक्ष्मी तालाब में नही जायेगा, नालों का गंदा पानी नारायण बाग में जल निगम द्वारा बने एसटीपी में जायेगा। वहां ट्रीटमेंट के बाद जल पुनः लक्ष्मी तालाब में प्रभवित किया जायेगा। लक्ष्मी तालाब के चारों ओर के नालों की लीकेज भी बन्द करायी जा रही है।