झांसी। सिविल सोसाइटी द्वारा आयोजित बैठक में सभ्य समाज की स्थापना के लिए हुए मंथन में बुद्धिजीवियों ने अच्छे लोगों को आगे लाने व उन्हें नेतृत्व प्रदान करने के लिए हर संभव मदद करने पर अपनी सहमति व्यक्त की । बैठक की अध्यक्षता पूर्व बार संघ अध्यक्ष और लोकतंत्र सेनानी नरोत्तम स्वामी ने की। बैठक में वर्तमान परिदृश्य में समाज की भूमिका विषय पर मंथन हुआ। स्वामी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार व्याप्त है आचरण का पतन हो रहा है । आगे आने वाली पीढ़ी के कंधों पर ही देश की जिम्मेवारी आने वाली है इसलिए उन्हें अभी से सशक्त बनाया जाए । अच्छे लोगों को ही नेतृत्व दें व उन्हें आगे लाने के लिए हर संभव मदद की जाए ।
वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश चौरसिया ने कहा कि राजनीतिक ही देश की दिशा व दशा के जिम्मेदार होते हैं इसलिए देश की बागडोर अच्छे हाथों में जाए। समाज के सामने अच्छा विकल्प नहीं है तो विकल्प देने की जिम्मेदारी भी समाज की हैं। सेना से सेवानिवृत्त प्रेम किशोर व्यास ने कहा कि कार्य के प्रति लापरवाही भी भ्रष्टाचार है। बदलाव की शुरुआत अपने घर से ही होनी चाहिए लोकतंत्र में जनता अपने पसंद का प्रत्याशी चुनने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उसके सामने अच्छा प्रत्याशी ना होना ही वोटिंग का प्रतिशत गिरना बड़ी वजह है। हम लोगों को वोट डालने के लिए जागरुक करते रहें अच्छे को चुनने के लिए प्रेरित करते रहे लेकिन सामने अच्छे प्रत्याशी ना होने पर हमारे प्रयास विफल हो जाते हैं। इसलिए समस्या का समाधान भी सोसाइटी को तलाशना होगा।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पत्रकार एकता संघ के मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश उदैनिया ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए अभी से प्रयास करने होंगे । पार्टी नहीं व्यक्ति का चयन सर्वोपरि होना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता फारूक ने कहा कि देश व समाज के नेतृत्व के लिए बुद्धिजीवियों को ही अब आगे आना होगा । वरिष्ठ पत्रकार महेश पटेरिया ने कहा कि समस्या का समाधान नहीं तो हम स्वयं एक समस्या हैं। वर्तमान में व्यक्ति सर्वोपरि हो गए विचार नहीं इसलिए अब सिविल सोसायटी को आगे आकर ईमानदार लोगों को गोद लेना होगा।
पूर्व संपादक रविंद्र सिंह गौर ने कहा कि अच्छाई को दबा सकते हैं खत्म नहीं कर सकते वर्तमान में अच्छाई पर बुराई हावी है अच्छाई बुराई को पराजित करने के लिए संघर्षरत है इसलिए हम सभी का दायित्व है कि ऐसे लोगों को जोड़कर उन्हें मजबूती प्रदान करें। इस अवसर पर अनुज मिश्रा, प्रशांत द्विवेदी, कुलदीप, अमरदीप सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी उपस्थित रहे जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन व आभार जन सूचना अधिकार मंच के अध्यक्ष मुदित चिरवारिया ने व्यक्त किया।