– ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व की जानकारियों का होगा संकलन

झांसी। मंडलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में वहां की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत उस क्षेत्र की गरिमा का प्रतीक होती है। बुन्देलखण्ड में अपार सांस्कृतिक सम्पदा मौजूद है परन्तु इस विलुप्त होने से बचाने के लिए धरोहर को संरक्षित करने के लिए विभिन्न प्रयासों की आवश्यकता है। इतिहास में बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है परन्तु इसके संरक्षण के लिए किये गये उपायों को गति देना समय की माँग है। श्री पाण्डेय ने ‘गाँव-गाँव की गौरवगाथा’ खोज अभियान के प्रारम्भ करने हेतु आयोजित बैठक में उक्त विचार व्यक्त किये।
आयुक्त ने बताया कि ‘गाँव-गाँव की गौरवगाथा’ खोज अभियान के माध्यम से मंडल के तीनों जनपदों में ऐतिहासिक स्थलों की खोज के साथ-साथ बुन्देलखण्ड (झाँसी मण्डल) के प्रत्येक गाँव की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासत को संकलित कराया जायेगा ताकि इसे नष्ट होने से बचाया जा सके।
अभियान के अन्तर्गत लेखपालों के माध्यम से प्रत्येक ग्राम का सर्वे कराया जायेगा जिसमें मुख्यत: 14 बिन्दुओं पर जानकारियाँ संकलित कराई जायेंगी। इन जानकारियों में गाँव का इतिहास, गाँव की सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि/साहित्य/कला/संगीत/नृत्य के प्रचलन, प्रमुख स्थान से जुड़ी कोई कहानी, ग्राम के प्रमुख स्थान का कोई विवरण, खेले जाने वाले खेलों का विवरण, विशिष्ट प्रकार का व्यंजन, पैदा की जाने वाली सब्जी/मुख्य फसलें, ऐसे व्यक्तियों का विवरण जिन्होंने प्रदेश/देश में विशिष्ट स्थान प्राप्त कर गाँव का सम्मान और गौरव बढ़ाया हो। इस सर्वे के दौरान ऐसी महिलाओं की भी सूची तैयार होगी जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर गाँव का गौरवान्वित किया हो।
अभियान के संचालन का दायित्व अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) तथा उप जिलाधिकारियों को सौंपा गया है जो लेखपालों के माध्यम से एक माह में गाँव से संबंधित उक्त जानकारियाँ संकलित कराएँगे। वाकायदा इसके लिए सभी तहसीलों में लेखपालों को ऑरियन्टेशन दिया जायेगा इसके उपरान्त निर्धारित  प्रारूप पर सूचनाएँ संकलित होंगी बाद में इन सूचनाओँ को कम्यूटर में फीड कराया जायेगा। ‘गाँव-गाँव की गौरवगाथा’ खोजने के बाद तीनों जिलों के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संकलित जानकारी का एक प्रस्तुतिकरण तैयार करेंगे।
आयुक्त ने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य बुन्देलखण्ड (झाँसी मण्डल) की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है। एक बार सूचनाएँ संकलित होने के उपरान्त विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, संस्थाओँ, रूचि रखने वाले व्यक्तियों व शोधकर्ताओं के माध्यम से अन्वेषण, संरक्षण एवं शोध का कार्य कराया जायेगा ताकि चिरकाल तक इन्हें सुरक्षित कराया जा सके।
मण्डल स्तर पर सूचनाओँ के संकलन का दायित्व अपर आयुक्त (प्रशासन) को सौंपा गया है। बैठक में उपाध्यक्ष-जे.डी.ए. सर्वेश कुमार, अपर आयुक्त (प्रशासन) प्रमिल कुमार सिंह तथा सांस्कृतिक समितियों के संयोजक मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनन्द चौबे उपस्थित रहे।

गाँव-गाँव की गौरवगाथा’  खोज अभियान के कार्य
1. लेखपालों के माध्यम से सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व की जानकारियों का संकलन
2. गाँव-गाँव की गौरवगाथा को जनपद की वेबसाइट पर भी प्रदर्शित किया जायेगा
3. मंडल के तीनों जनपदों में ऐतिहासिक स्थलों की खोज की जायेगी
4. स्थलों के संरक्षण हेतु ‘अडॉप्ट हेरिटेज’ के तहत निजी क्षेत्र का सहयोग लिया जायेगा।
5. सारगर्भित सूचनाएँ ग्राम पंचायत भवन में प्रदर्शित की जायेगी
6. खोज अभियान के नोडल होंगे अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) व उप जिलाधिकारी।