झांसी। “मैं पिछले 4 वर्ष से इस बात की लड़ाई लड़ रहा हूं कि प्रदेश में क्रिकेट में चार टीमें होनी चाहिए तभी सभी होनहार खिलाड़ियों को मौका मिल पाएगा” यह बात उत्तर प्रदेश के पूर्व रणजी खिलाड़ी व चयनकर्ता रहे अशोक बॉम्बी ने खेल विशेषज्ञ बृजेन्द्र यादव से बातचीत में कही।

उन्होंने कहा लेकिन राजीव शुक्ला व कुछ अन्य लोग यह नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में चार टीमें बने । इसका प्रस्ताव मैंने अपेक्स काउंसिल की मीटिंग में भी रखा था, जिसे डाबर साहब ने अनुमोदित किया था। लेकिन राजीव शुक्ला ने इस बात को बीसीसीआई के पटल पर रखना उचित नहीं समझा। मेरा यह मानना है कि उत्तर प्रदेश में जो की आबादी के अनुसार देश का सबसे बड़ा राज्य है उसमें चार टीमें होनी चाहिए क्योंकि जहां महाराष्ट्र और गुजरात में तीन तीन टीम है तो उत्तर प्रदेश में चार टीमें क्यों नहीं? हमारे खिलाड़ियों के साथ कब तक यह सौतेला व्यवहार चलता रहेगा। मेरे विचार से इसके दो ही तरीके हैं एक तो तरीका है आंदोलन का जिसमें प्रदेश के सभी खिलाड़ी आगे आए विशेष करके भूतपूर्व प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी इसमें अपनी अपनी सहमति दे और दूसरा प्रदेश में चार टीमें बनाने का जो अभियान है उसमें अगर कोई कुछ कर सकता है तो वह हमारे मुख्यमंत्री योगी जी व प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ही कर सकते हैं। बाकी राजीव शुक्ला ने बीसीसीआई में अपनी ऐसी पेठ बना रखी है कि वे प्रदेश मे चार टीमें होने नहीं देंगे।
इसके साथ ही साथ लखनऊ में आईपीएल मैच के दौरान स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में तमाम खिलाड़ी बैनर लेकर बैठे और टीवी के माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद करें। मेरे विचार से यह अच्छा होगा कि मैच के दौरान जो इस अभियान को तेजी मिलेगी वह और किसी माध्यम से मिलना संभव नही है । हम लोग अगले सत्र व लोकसभा के चुनाव का इंतजार ना करें बल्कि यह एक अच्छा अवसर है जिसके द्वारा हम अपनी उचित मांग को मनवाने में कामयाब होंगे।