– शस्त्रों का हैदराबाद व जम्मू-कश्मीर से कनेक्शन खंगालने में जुटी जीआरपी

– राजौरी जम्मू-कश्मीर से बने दो बंदूकों के लाइसेंस मिले

झांसी। झांसी स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर पांच पर उस समय सनसनी फ़ैल गई जब आरपीएफ व जीआरपी को संयुक्त चैकिंग के दौरान 10 सितंबर को रात 1.30 बजे हैदराबाद से नई दिल्ली जा रही 02723 तेलंगाना एक्सप्रेस के जरनल कोच में मिले दो लावारिस बैग से पांच इकनाली बंदूक, 23 जिंदा कारतूस के साथ जम्मू-कश्मीर के राजौरी के दो बंदूकों के लाइसेंस निकले। इन बंदूकों, कारतूसों के साथ मिले जम्मू-कश्मीर के दो लाइसेंस आतंकी साजिश की ओर इशारा करते हैं। फिलहाल मामले की गहराई से जांच पड़ताल की जा रही है।

बताया गया है कि 10 सितंबर को रात्रि लगभग 01.30 बजे झांसी स्टेशन आरपीएफ क्राइम प्रिवेंशन टीम व जीआरपी झाँसी स्टेशन प्लेटफॉर्म क्र. 5 पर आई गाड़ी संख्या 02723 तेलंगाना एक्सप्रेस पर गश्त कर रहे थे। गस्त के दौरान पता चला कि उक्त गाडी के फ्रंट जनरल कोच में एक लावारिस बैग रखा है। कोच में जांच करने काले रंग के दो लावारिस बड़े बैग रखे मिले। दोनों बैग को कोच से उतार कर जब उनकी तलाशी ली गई तो  एक बैग में कपड़ों में छिपा कर रखी 12 बोर की 5 बंदूकें (तीन छोटी बट व दो बड़ी बट की इकनाली ), 23 जिन्दा व एक खोखा कारतूस, जम्मू-कश्मीर में बने दो लाइसेंस (बड़े बट की दोनों बंदूकों के), सिक्योरिटी कंपनी के कार्ड, मोबाइल फोन, नोकिया का कीपेड, पंखे की तीन पंखुड़ियां, जम्मू-कश्मीर बैंक की पासबुक, हैदराबाद की आईडी, मर्दाना कपड़े आदि पाए गएl बैगों के संबंध में पूरे कोच में यात्रियों से जानकारी की गई परंतु किसी ने यह नहीं बताया कि बैग किसके हैंl गाडी चलने पर दोनों बैगों को स्टेशन पर उतारा गया तथा जीआरपी थाना झांसी पर लाया गयाl
बैग से मिली दो इकनाली बंदूक के लाइसेंस की जांच करने से पता चला कि दोनों राजौरी जम्मू-कश्मीर से बने हैं। इनमें से एक लाइसेंस के नवीनीकरण की तिथि निकल गई है। दोनों लाइसेंस क्रमशः मो रफी निवासी राजौरी व मोहम्मद माजिद राजौरी जम्मू-कश्मीर के है।  इस मामले के संबंध में जीआरपी झाँसी द्वारा मो.रफी, मो.मजिद व एक अज्ञात के विरुद्ध आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया हैl

फिलहाल जीआरपी द्वारा बरामद बंदूकों का हैदराबाद व जम्मू-कश्मीर से जुड़े तार तो खंगाल के साथ यह भी पता कर रही है कि इन्हें किस आशय से हैदराबाद से बैग में छिपा कर दिल्ली ले जाया जा रहा था और इनके पीछे किस गिरोह का हाथ है।

इस टीम को मिली सफलता
आरपीएफ उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह राजावत, जीआरपी उपनिरीक्षक गजराज सिंह, आरपीएफ मुख्य आरक्षक अतुल कुमार, आरक्षक डी एस मीणा, आरक्षक राकेश कुमार मीणा, सुरेन्द्र कुमार विष्ट व जीआरपी आरक्षक आलोक कुमार शामिल रहे हैं।