– 48 घण्टे में दो ट्रेनों की तीन महिला यात्री बनीं थीं शिकार
–  एक माह की गहन खोजबीन से बचते रहे शातिर
झांसी। उमरे के झांसी मंडल अंतर्गत कानपुर-झांसी रेल मार्ग पर एक माह पहले 48 घण्टे में सरसौकी उरई व पारीछा में होम सिग्नल से छेड़छाड़ कर ट्रेन सवार तीन महिलाओं के आभूषण लूट की वारदात में शामिल तीन शातिर दिमाग बदमाश सरगना सहित आखिरकार जीआरपी टीम के शिकंजे में फंस ही गए। हालांकि एक बदमाश फरार है। पकड़े गये बदमाशों के पास से ट्रेन यात्रियों से लूटे गये जेवरात और नकदी बरामद हुआ है।
दरअसल, झांसी रेल मंडल में झांसी-कानपुर रेल मार्ग पर सिग्नल से बाधित कर अर्थात पटरी पर सिक्का लगा कर व होम सिग्नल पर मिट्टी लगा कर बदमाशों ने 23/24 अगस्त की रात ट्रेन क्रमांक 09322 पटना-इंदौर एक्सप्रेस को सरसौकी उरई और 24/25 अगस्त की रात 02533 पुष्पक एक्सप्रेस को पारीछा स्टेशन के निकट ट्रेन को पहले रोका और फिर उनमें सवार क्रमशः दो व एक महिला यात्री के आभूषणों की लूट की थी। 48 घण्टे में घटित दोनों घटनाओं ने जीआरपी व आरपीएफ की नींद हराम कर दी थी। वारदातों के खुलासे की बागडोर स्वयं एसपी जीआरपी मोहम्मद इमरान खान ने संभाल रखी थी।
15 से अधिक टीमें जुटी रही खुलासे में –
दोनों ट्रेनों में हुई लूट का खुलासा करने के लिए झांसी मुख्यालय स्तर पर 6 टीमों को लगाया था। जिसमें तीन टीमें झांसी और तीन टीमें उरई की शामिल थीं। इसके अलावा 9 टीमें थाना स्तर पर बनाई गई थी। जिसमें 5 टीमें झांसी और 4 टीमें उरई की बनाई गई थी। इसी क्रम में एक टीम आरपीएफ की बनाई थी जिसमें सीआईबी ब्रांच भी शामिल रही। सभी टीमों ने मिलकर मामले को गम्भीरता से लिया और छानबीन करते हुए बदमाशों की तलाश शुरु कर दी। इसमें जीआरपी अनुभाग आगरा की सर्वेलेंस टीम सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद ली गई थी।
लूट का माल खपाने के प्रयास में धरे गए
 लगभग एक माह चली गहनता से छीनबीन के बाद आखिरकार सफलता मुखबिरी के माध्यम से ही मिली। एसपी जीआरपी ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान सुराग मिला कि खजांची डेरा चिरगांव के दो-तीन युवक सोने के मंगलसूत्र बेचने के लिए स्थानीय एक सर्राफ के सम्पर्क में हैं। इनमें एक बदमाश के परिवार में शादी है इसलिए वह लूट के आभूषण बेचना या उससे मनपसंद आभूषण बनवाने की जुगत में है। इस सूचना पर टीमों ने घेराबंदी कर बताए गए तीन बदमाशों को चिरगांव रेलवे स्टेशन यात्री शेड से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम बादल, जय प्रकाश और आजाद निवासीगण खजांची डेरा चिरगांव झांसी बताया। उन्होंने बताया कि लूट की वारदातों में चौथा फरार साथी मान सिंह है। ‌‌
बरामद सम्पत्ति-
1 अदद मंगलसूत्र पीली धातु के तीन गोल दाने व लॉकेट वजन 13.600 ग्राम टूटे हुए। 1 माला पीली धातु के 8 गोल दाने 3 लॉकेट पीली धातु के वजन 8 ग्राम। 1 कान की बाली पीली धातु वजन 38 मि0ग्रा0, 3700 रुपए, 2 मोटर साइकिल व दो मोबायल (घटना कारित करने में प्रयुक्त सम्पत्ति)।
सिक्का पर अविश्वास से सिग्नल पर लगाई मिट्टी – 
पुलिस अधीक्षक जीआरपी ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों ने पहले झांसी-कानपुर रेल मार्ग पर दोनों घटना स्थल की रैकी की। इसके बाद उन्होंने होम सिग्नल से छेड़छाड़ करने सिक्का रखा, किंतु उस पर विश्वास नहीं करते हुए सिग्नल पर मिट्टी लगा दी ताकि योजना फ़ैल नहीं हो सके। सिग्नल से छेड़छाड़ से ट्रेनों के रुकते ही उन्होंने बाहर से ही खिड़कियों किनारे बैठे यात्रियों से लूटपाट के प्रयास किए और उनकी शिकार सरसौकी में दो व पारीछा में एक महिला यात्री बन गई थी।
की पेड मोबाइल फोन का इस्तेमाल – 
एसपी जीआरपी ने बताया कि शातिर दिमाग बदमाश घटना के समय की पेड मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। हालांकि वह वारदात के दो घंटे पहले फोन का स्विच ऑफ कर वारदात के बाद तब स्विस आन करते थे जब वह अपने अड्डे पर पहुंच जाते। यही कारण रहा कि बदमाश सर्वेलेंस के रडार पर नहीं फंस पा रहे थे जबकि टीम द्वारा सर्वेलेंस से तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पकड़े गये बदमाशों में जय प्रकाश मुख्य आरोपी है। जय प्रकाश ने इससे पहले भी वर्ष 18 में सिक्का लगा कर ट्रेन को लूटने का प्रयास किया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था।
टीम में यह रहे शामिल – 
बदमाशों को पकड़ने वाली टीम में झांसी जीआरपी थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह, आरपीएफ सीआईबी निरीक्षक एसएन पाटीदार, उरई जीआरपी थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी जीआरपी झांसी राजीव कुमार, जीआरपी उप निरीक्षक संदीप कुमार, नवीन कुमार तिवारी, जयलाल, आरपीएफ उप निरीक्षक रवीन्द्र सिंह राजावत, सिपाही राजीव कुमार, पंकज कुमार ग्वाला, प्रदीप कुमार, अजमत उल्ला, अमित कुमार, रमेश शुक्ला, मो. माजिद, हिमांशु त्रिपाठी, विकास सेंगर, मुकेश कुमार, अवधेश कुमार, धर्म सिंह राणा और दीपक गुप्ता शामिल थे। टीम को झांसी जीआरपी एसपी की ओर 5000 रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। पत्रकार वार्ता में आरपीएफ कमांडेंट आलोक कुमार व सीओ जीआरपी नईम खान मंसूरी भी मौजूद रहे।