– सांसद अनुराग शर्मा ने प्रधानमंत्री को लिखी पाती

झांसी। “चमक उठी सन सत्तावन मेंवह तलवार पुरानी थीबुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थीखूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”  सुभद्रा  कुमारी चौहान की बहुचर्चित कविता  “झाँसी की रानी” की ये पंक्तिया तो सभी ने सुनी ही होगी। सन 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति में महारानी लक्ष्मी बाई के कुशल नेतृत्व, अदम्य साहस और अस्त्र-शस्त्र के ज्ञान की कुशलता से अंग्रेजो को मुंह की खानी पड़ी थी ।

बाई-सा (महारानी लक्ष्मीबाई) के अदम्य साहस और उनकी तलवार की धार के आगे अच्छे से अच्छे जर्नल और कमांडर नहीं टिक पाए जो भी रण भूमि में उनके सामने आया उसे धूल ही चाटनी पड़ी, परन्तु 18 जून 1858 में जब बाई सा वीरगति को प्राप्त हो गई तो उनकी अंग्रेजो को धूल चटाने वाली ढाल और तलवार को ग्वालियर में संरक्षित कर लिया जो कि आज भी ग्वालियर नगर निगम के संग्रहालय में रखी हुई है ।

झाँसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर मांग की है कि वह अपने आगामी 19 नबम्बर को महारानी लक्ष्मी बाई के जन्मदिन के अवसर पर जब झाँसी दौरे पर आयें तो अपने साथ लक्ष्मी बाईसा की तलवार साथ ले कर आयें ।सांसद ने लिखा की महारानी साहिबा की तलवार वापिस झाँसी आने से न केवल झाँसी बल्कि सम्पूर्ण बुंदेलखंड गौरवान्वित महसूस करेगा और इस हेतु आजीवन ऋणी रहेंगे क्योंकि बुंदेलखंड वासियों की इस धरोहर को वापस दिलाए जाने की मांग लम्बे समय से है।