– श्रीराम भक्तों ने आम जनमानस में किया जागरण

झांसी। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने की दूसरी वर्षगांठ 9 नवंबर 2021 पर राष्ट्रभक्त संगठन एवं हिंदू जागरण मंच के तत्वाधान में “धन्यवाद योगी जी हिंदू गौरव यात्रा” का भव्य आयोजन हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष एवं राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया के संयोजन में किया गया।

यह यात्रा बीकेडी से प्रारंभ होकर आंतिया तालाब, खंडेराव गेट, पंचकुइयां, सिंधी तिराहा, मानिक चौक, रघुनाथ जी का मंदिर, मालिनों का तिराहा, गांधी रोड, सुभाष गंज, रानी महल, मिनर्वा चौराहा, सैयर गेट, गोविंद चौराहा, नारायण धर्मशाला, इलाइट चौराहा, जीवन शाह तिराहा होकर रानी लक्ष्मी बाई पार्क गेट नंबर 2 पर विसर्जित हुई। इस दौरान संयोजक अंचल अड़जरिया ने बताया कि पिछले 70 वर्षों से चल रहे अनवरत आंदोलन की परिणिति के फल स्वरुप भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण प्रारंभ हो चुका है जिसका 30% निर्माण कार्य आज तक पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य भी तेजी से प्रगति पर है। यह भव्य व विशाल श्री राम मंदिर पर्यटन की दृष्टि से संपूर्ण विश्व में अनोखा होगा। यह संपूर्ण विश्व भर में हिंदू समाज के साथ ही संपूर्ण विश्व के जनमानस के लिए सबसे बड़ा आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। यह देश की अस्मिता, अखंडता, एकता का प्रतीक साबित होगा।

इस यात्रा में करीब 500 दोपहिया वाहनों के माध्यम श्रीराम भक्तों ने आम जनमानस में जागरण करने का कार्य किया। कोरोना काल में व्यापारियों पर लादे गए मुकदमे सरकार ने वापस लेने का निर्णय लिया था। इस उपलक्ष में अभी व्यापारियों को बताने के लिए इस यात्रा का आयोजन हुआ है। भविष्य में भी यह यात्रा आयोजित की जाती रहेगी। यात्रा में प्रमुख रूप से राजेश नायक, मनोज वर्मा, पुरूकेष अमरया, जगदीश साहू राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य, रवि, आदित्य तिवारी, अजय, अमर, शानू, दिनेश, मनोज, मोहन, के के ठाकुर, के के पांचाल, आकाश कुशवाहा, सोनू बाल्मिकी, विकी सोनी, कार्तिकेय पचौरी, शिवम, मनीष, विकास कुशवाहा, गौरव, आनंद, मोनू, रितेश लोधी, दिनेश कुशवाहा, ध्रुव कुशवाहा, अमित वर्मा, आयुष अहिरवार, सागर बंशकार, हेमंत, हरीश कुशवाहा, आकाश वर्मा, नमन एवं मीडिया प्रभारी अतुल वर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए बड़ी संख्या में सनातनियों ने अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने पर आज अवश्य ही उन कारसेवकों की आत्मायें अपने बलिदान पर गौरव महसूस कर रही हैं।