– नंदसिया में दहशत, गृह कलह ने हंसती-खेलती तीन जिंदगियां लीलीं

झांसी। जनपद के थाना चिरगाँव क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नन्दसिया में बुजुर्ग गृह स्वामी के निधन की तेरहवीं के पूर्व ऐसा क्या हुआ कि मृतक की 25 वर्षीय नत बहू ने ऐसा कदम उठाया कि गांव में सनसनी फ़ैल गई। नत बहू ने मासूम बेटी व बेटे को जिंदा आग के हवाले कर स्वयं फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में गृहक्लेश बताया जा रहा है। पुलिस घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी है।

बताया गया कि चिरगाँव थाना क्षेत्र के ग्राम नदसिया निवासी महेंद्र राजपूत के बुजुर्ग पिता रामस्वरूप का कुछ दिन पूर्व निधन हो गया था। मंगलवार को उनकी तेरहवीं होनी है। तेरहवीं के लिए सामान खरीदने महेंद्र अपने बेटे अनिल के साथ चिरगाँव गए थे। घर में अनिल की पत्नी लगभग 25 वर्षीय अनीता, दो वर्षीय बेटा अर्पित व 11 माह की बेटी गौरी थे। अपरान्ह लगभग साढ़े तीन बजे गांव के लोगों ने अनिल के मकान से धुआं उठते देखा तो वह भागकर पहुँचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। जब पड़ौसी दरवाजा तोड़कर लोग अंदर पहुँचे तो आंगन में अनीता का शव फांसी के फंदे पर झूल रहा था, जबकि अंदर अबोध बेटा वो बेटी जली हुई अवस्था में मृत पड़े थे। उक्त दृश्य देखकर ग्रामीण दहल ग्रे। सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुँची पुलिस ने तीनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।प

पुलिस के अनुसार अनिता पत्नी अनिल राजपूत द्वारा अज्ञात कारणों से अपनी बेटी मन्नू तथा बेटा अर्पित को कमरे में बैड के ऊपर कपड़े, लकड़ी व गोबर के ओपलों से जला दिया है तथा स्वयं आँगन में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस टीम द्वारा तीनों के शवों को पोस्टमॉर्टम हेतु मोर्चरी भेज दिया गया है। पुलिस की मानें तो रविवार को सुबह पति पत्नी के बीच आपसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। प्रकरण प्रथम दृष्टया मामला गृह कलेश का प्रतीत हो रहा है।

इस सबके बावजूद परिवार वाले भी अभी समझ नहीं पा रहे हैं, कि अनीता ने ऐसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया। एक मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि उसने अपने अबोध बेटा-बेटी को जिंदा आग में झोंक कर स्वयं फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। गांव में इस तिहरी मौत की पहेली को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।