– फोरेंसिक व वम निरोधक टीम ने पड़ताल, नमूने एफएसएल जांच को भेजे

– अब सीएसओ इलाहाबाद करेंगे जांच पड़ताल

ग्वालियर/हेतमपुर (संवाद सूत्र)। उमरे अंतर्गत झांसी मंडल में हेतमपुर स्टेशन पर शुक्रवार को जले दो कोचों में आग लगने के कारणों की गहन जांच पड़ताल शनिवार को सीआरएस (पूर्वोत्तर रेलवे) के अलावा फोरेंसिक, वम निरोधक टीम द्वारा की गई। घटनाक्रम के दौरान ड्यूटी पर तैनात रेल कर्मियों के ब्यान दर्ज किए गए। सूत्रों की मानें तो फिलहाल आग लगने के कारणों का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है, अब इस अग्नि कांड की जांच सीएसओ (मुख्य संरक्षा अधिकारी) इलाहाबाद द्वारा की जायेगी। बताया गया है कि हादसा के कारण जानने को एफएसएल जांच के लिए नमूने भेजे हैं। आग के कारणों में शॉर्ट सर्किट, सिगरेट/बीड़ी फेंकने और विस्फोटक सामग्री के एंगल पर जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि मुरैना के हेतमपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन नंबर 20484 दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस में शुक्रवार दोपहर भीषण आग लग गई थी। आग से एसी की ए1 और ए2  बोगियां खाक हो गईं। यह ट्रेन वैष्णोदेवी से लौट रही थी। हालांकि घटना में जनहानि नहीं हुई। 8 दमकल गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया। इस घटनाक्रम में कुछ यात्री घायल व कयी का सामान आग की चपेट में आने से नष्ट हो गया था। इसके बाद डीआरएम सहित रेल अफसरों की टीम ने हेतमपुर स्टेशन पर डेरा डाल दिया था।

सीआरएस ने की गहन जांच पड़ताल – मामले की गंभीरता को देखते हुए आग लगने के कारणों की गहन जांच पड़ताल शुरू कर दी गई। इसी क्रम में शनिवार को प्रातः 6 बजे झांसी स्टेशन से स्पेशल गाड़ी द्वारा सीआरएस मोहम्मद लतीफ लाव-लश्कर के साथ घटना स्थल को रवाना हो गए। उन्होंने करीब 8:20 बजे हेतमपुर स्टेशन पर पहुंच कर साइडिंग में खड़े आग से जले दुर्ग एक्सप्रेस के दोनों कोच व घटना स्थल की जांच पड़ताल की। सीआरएस बोगी से बाहर तक नहीं निकले और न मीडिया से रूबरू हुए। लगभग 9 बजे से शुरू हुई जांच दोपहर 12 बजे तक बंद बोगी में ही चलती रही। सीआरएस ने जले कोचों के अलावा उन दो कोच (एच ए 1 व एस एल आर) को भी जांचा जो जली बोगी से जुड़े हुए थे। इसमें एक कोच के टायलेट की खिड़की तक आग पहुंच गई थी। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के ब्यान भी दर्ज किए गए। मौके पर झांसी मंडल के संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी तथा डीआईजी आरएसपी सिंह, मंडल सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार आदि भी उपस्थित रहे। जांच पड़ताल कर सीआरएस करीब 12.30 बजे झांसी के लिए रवाना हो गए।

फोरेंसिक व वम निरोधक टीम भी पहुंची – इसके अलावा फोरेंसिक व बम निरोधक दस्ते ने भी वहां व्यापक निरीक्षण किया। जांच अधिकारियों ने हादसा के कारण जानने को नमूने लेकर एफएसएल जांच के लिए भेजे हैं। आग के कारणों में शॉर्ट सर्किट, सिगरेट/बीड़ी फेंकने और विस्फोटक सामग्री के एंगल पर जांच की जा रही है।

मीडिया के सामने कोई भी बोलने को तैयार नहीं – समझा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से या किसी पैसेंजर के अधजली सिगरेट/बीड़ी फेंकने अथवा बिस्फोटक सामग्री के कारण आग लग सकती है। बीडीएस की टीम ने बोगी के उस शौचालय की जांच की, जिसमें सबसे पहले आग लगी थी। फिलहाल, टीम के सदस्य कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। जांच कर रहे रेलवे के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भी मीडिया के सामने आने से कतराते रहे। एसएफएल अधिकारी को जांच के दौरान कुछ जले व अधजले तार मिले, जिन्हें संग्रह किया गया है।

जांच की शुरुआत टाॅयलेट से हुई – जांच की शुरुआत उस टॉयलेट से हुई, जिसके इलेक्ट्रॉनिक पैनल में आग लगी थी। शॉर्ट सर्किट किस कारण हुआ? आग किसी यात्री की गलती से तो नहीं लगी? किसी यात्री ने पैनल बॉक्स से छेड़छाड़ तो नहीं की? कोई विस्फोटक सामग्री तो टायलेट में नहीं रखी थी? इन बिंदुओं पर जांच की गई।

फोम के गद्दों से भड़की आग – सूत्रों की मानें तो आग टाॅयलेट के बगल में लगे इलेक्ट्रिकल पैनल में लगी, उसके बाद हवा से वह बोगी के अंदर घुस गई। यहां से आग सीटों में लग गई। सीटें फोम की होने से आग तेजी से फैलने लगी। जब तक ट्रेन रुकी तब तक आग भड़क चुकी थी। बोगियों में यात्रियों का जला हुआ सामान जांच टीम को मिला है। जांच पड़ताल जारी है।