झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन के नाम में ‘झांसी’ जोड़ने के हिमायतियों का कारवां बढ़ता ही जा रहा है। राष्ट् भक्त संगठन व हिन्दू जागरण मंच भी ‘झांसी’ नाम जोड़ने के लिए मैदान में उतार आया है।
इसी क्रम में वीरांगना लक्ष्मीबाई के साथ झांसी जोड़ने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री व राज्यपाल तथा डीआरएम के माध्यम से भारत सरकार के प्रधानमंत्री व रेलमंत्री को ज्ञापन भेजा। इसके साथ ही संगठन ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस का नाम झांसी की रानी के नाम पर तथा गणतन्त्र दिवस पर यूपी सरकार सरकार द्वारा निकाली जाने वाली झांकी में इस बार उप्र के वीर बलिदानियों की झांकी को शामिल किये जाने की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अंचल अडजरिया ने बताया कि झांसी का आम जनमानस वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन नाम किये जाने के बाद से उसमें झांसी जोडे जाने के लिए आंदोलन कर रहा है। भारत की आजादी की प्रथम नायिक महारानी लक्ष्मीबाई ने मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी… का उद्घोष किया था। महारानी लक्ष्मीबाई तथा झांसी एक दूसरे के पूरक हैं। वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम के आगे से झांसी शब्द हटाने से उनके नाम की सम्पूर्णता समाप्त हो जायेगी। अंचल अडजरिया ने कहा कि झांसी की आम जनमानस की इच्छानुसार वीरांगना लक्ष्मीबाई के आगे झांसी जोड़ने का आदेश जारी किया जाये। अगर नाम के आगे झांसी शब्द नहीं जोड़ा जायेगा तो आम जनमानस के साथ व्यापक स्तर से आंदोलन किया जायेगा।
इसके साथ ही संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस ग्वालियर से वाराणसी के मध्य चलती है जो महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान स्थल ग्वालियर तथा जन्मस्थल वाराणसी को जोड़ती है। उन्होंने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस का नाम बदलकर महारानी लक्ष्मीबाई एक्सप्रेस किये जाने की मांग की। वहीं गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निकाली जाने वाली झांकी में अमृत महोत्सव के अवसर पर इस बार उत्तर प्रदेश के वीर बलिदानियों महारानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आजाद आदि के स्वरूपों को शामिल करने की मांग की। इस अवसर पर जिले के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र जैन, वीरेंद्र सिंघल, युवा वाहिनी के विभाग अध्यक्ष पुरकेश आमरया, महानगर अध्यक्ष रवि खटीक, जिला मंत्री मोनू सहित सभी नगरों के अध्यक्ष, संयोजक उपस्थित रहे।