झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) विमल कुमार आर्य की अदालत में जानलेवा हमले का दोष सिद्ध होने पर छह अभियुक्तों को 10-10 साल की जेल की सजा से दण्डित किया गया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार दोहरे के अनुसार ग्राम विजयगढ़ निवासी हरीश कुमार ने 30 अक्तूबर 2009 को उल्दन थाने में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि वे सोने-चांदी के आभूषण बनाने का काम करते हैं। दुकान के लिए सोना खरीदने के लिए वे अपने साथी प्रकाश आर्य के साथ मोटरसाइकिल से सोना खरीदने टहरौली से मऊरानीपुर जा रहे थे। रास्ते में इमिलिया तलैया के पास एक कार बाइक के सामने आकर खड़ी हो गई और उसमें से उतरकर आए छह लोग मारपीट करने लगे। इसी दरम्यान उन लोगों ने एक लाख 70 हजार रुपये और दोनाली बंदूक छीन ली। जान से मारने की नीयत से दो फायर भी किए, जिसमें वे बाल-बाल बच गए। इसके बाद बाद कार में सवार होकर उल्दन की ओर भाग गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त थाना प्रेमनगर निवासी प्रहलाद सिंह उर्फ संजू खंगार, करन सिंह खंगार, ग्राम इमिलिया निवासी पंकज निरंजन, नगरा निवासी उपेंद्र सोनी, ग्राम इमिलिया निवासी संजय कुमार व ग्राम इमिलिया निवासी शैलेंद्र उर्फ शैलू को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
थाने के मुंशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
थाने की जीडी में घटना में प्रयुक्त कार का दाखिला किया गया, जबकि विवेचक की डायरी में कार की बरामदगी का कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया। न्यायालय ने माना कि जो भी अंकित किया गया है, वो प्रथम दृष्टया जाली, फर्जी व कूटरचित है, जो अभियुक्तों को बचाने के उद्देश्य से किया गया प्रयुक्त होता है। न्यायालय के आदेश पर न्यायालय लिपिक मनोज कुमार साहू (द्वितीय) ने थाने के तत्कालीन मुंशी राजकिशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मुंशी अब रिटायर हो चुका है।