– सैंकड़ों मरीज लौटे, आरोपी निलंबित

झांसी। विवाद का पर्याय बने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बृहस्पतिवार की सुबह को करीब साढ़े दस बजे मरीज शिफ्ट करने को लेकर हुई कहासुनी के बीच सर्जरी विभाग के एक जूनियर डॉक्टर ने वार्ड ब्वाय के साथ मारपीट कर गुप्तांग में प्रहार कर दिया। इससे नाराज मेडिकल कालेज के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। इमरजेंसी और ओपीडी के पर्चे बनने बंद हो गए। इसके चलते दूर दराज से इलाज कराने के लिए आए सैंकड़ों मरीज वापस लौट गए। इस मामले में सर्जरी विभागाध्यक्ष ने जांच कमेटी गठित करते हुए जेआर को निलंबित कर दिया है।

दरअसल,मेडिकल कॉलेज में एक मरीज को इमरजेंसी से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में शिफ्ट किया जाना था। वार्ड ब्वाय सुमित मरीज को ग्राउंड फ्लोर से ऊपर बने वार्ड में लेकर जा रहा था। उसे मरीज शिफ्ट करने में कुछ देर हो गई। जब वह मरीज को लेकर ऊपर वार्ड में पहुंचा तो सर्जरी विभाग का जूनियर डॉक्टर उस पर बिगड़ गया। और उसने आवेश में आकर कर्मचारी के साथ मारपीट कर दी। आरोप है कि आरोपी जेआर ने उसके गुप्तांग में लात मारी। नीचे आकर पीड़ित कर्मचारी ने अपने साथियों को घटना की सूचना दी।

इससे कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया और सभी हड़ताल पर चले गए। इस दौरान न तो इमरजेंसी और न ही ओपीडी में कर्मचारियों ने काम किया। पर्चे बनाने भी बंद कर दिए। इससे परेशान मरीज बिना इलाज कराए ही तीमारदारों के साथ वापस लौटने लगे।

कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों ने आंदोलित कर्मचारियों को समझाकर मामला शांत कराने का प्रयास किया। मगर उत्तेजित कर्मचारी जूनियर रेजिडेंट के तीन महीने के निलंबन की मांग पर अड़े रहे। आनन-फानन में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यप्रकाश ने जांच कमेटी का गठन किया। साथ ही समिति की रिपोर्ट आने तक विभागीय कक्षाओं और क्लीनिक कार्यों से निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद में कर्मचारी शाम को करीब चार बजे इमरजेंसी में काम पर लौटे और बिलिंग का काम भी शुरू हुआ।
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोजाना एक हजार से अधिक मरीज विभिन्न विभागों में दिखाने के लिए आते हैं। विवाद से पहले तक बृहस्पतिवार की सुबह कॉलेज में 235 ओपीडी पर्चे बन गए थे। विवाद होने के बाद काम ठप हो गया। लगभग 1000 से ज्यादा मरीजों के बिना इलाज लौटने की संभावना है।