महानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाला पथ संचलन, स्वयंसेवकों का पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
झांसी। चैत्र वर्ष प्रतिपदा के उपलक्ष्य में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झांसी महानगर के संघ के स्वयंसेवकों के द्वारा पथ संचलन का आयोजन किया गया। घोष की थाप पर करीब दो किमी से अधिक लंबी कतार में चल रहे पथ संचलन के दौरान जगह-जगह लोगों के द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया गया।

श्री लक्ष्मी व्यायाम मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सह प्रान्त प्रचारक कानपुर प्रान्त रमेश जी ने कहा कि देश का सोया हुआ स्वाभिमान जाग्रत हो रहा है, समाज और पूरा देश इसका अनुभव भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज जहां भारतीय नव संवत्सर का शुभारंभ है वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी का जन्मदिवस भी है। भारतीय नववर्ष की प्रामाणिकता व वैज्ञानिकता को पूरा विश्व मानता है, संघ के संकल्प से भी लोग परिचित हैं।

उन्होंने बताया कि आज ही के दिन जन्मे डॉ. हेडगेवार जी ने देश के तत्कालीन सबसे बड़े महानगर कहे जाने वाले नगर में मेडिकल को छोड़कर समाज की बीमारी को ठीक करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा था कि व्यक्ति की बीमारी तो ठीक की जा सकती है, लेकिन समाज की बीमारी को ठीक करने की भी आवश्यकता है और इसके लिए मैं संकल्परत रहूंगा। इसके लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया। उसी का परिणाम यह है कि 1925 को किए गए भागीरथी प्रयास आज पूर्ण होते दिख रहे हैं। जल्द ही 2025 में संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होंगे। आज भारतवर्ष के 90 हजार संघ की शाखाएं प्रत्यक्ष गतिविधियों के साथ पूरे भारत में हिंदुओं में आस्था व भारत के प्रति कर्तव्य सहित प्रेम के भाव जगाने का कार्य कर रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने को जा रहे हैं। किंतु कुछ मंडलों तक अभी कार्य पहुंचना शेष है। इसके लिए हमें समर्पित भाव के साथ जुटे रहना होगा। यदि भारत को विश्व गुरु बनाने का सपना देखना है तो हमें हर गांव गांव गली गली तक अपने संकल्प को पहुंचाना होगा। हमें अपने साथ-साथ समाज के लोगों को जोड़ना है। बताया कि शत्रुओं ने सैकड़ों वर्षो से आक्रमण व षड्यंत्र करते हुए हमारे बंधु बान्धवों का आत्मविश्वास कमजोर किया था। आज हमारा समाज इस भारतीय नववर्ष को, उसकी सामाजिकता को, उसकी विशेषता और वैज्ञानिकता को अनुभव कर रहा है, लेकिन अभी उसके हिसाब से जी नहीं रहा है। समाज को इस गर्त से निकालना होगा। समाज में, राष्ट्र में वह ताकत है लेकिन हम लोग भूल बैठे हैं। ठीक उसी तरह जैसे हनुमान जी अपना बल भूल बैठे थे। तब जामवंत ने उन्हें अपनी शक्ति की याद दिलाई थी। आज देश का सोया हुआ स्वाभिमान जगाने का कार्य हो रहा है। पूरा समाज इसका अनुभव कर रहा है। यह शक्ति का जागरण ही तो है नवरात्रि में जो उपासना के माध्यम से किया जा रहा है। जब दुनिया के सामने हमारी श्रेष्ठता स्थापित हो जाएगी तब विश्व यह जान जाएगा कि हम वैज्ञानिक और श्रेष्ठ देश हैं। अभी जब हम स्वयं ही अपनी शक्ति को भूले हैं तो दूसरे को क्या विश्वास दिला सकेंगे। हम हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति व समाज का संरक्षण करते हुए सर्वांगीण उन्नति के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घटक बने हैं। हम अनुशासित भाव से ऐसे ही बढ़ते रहेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हम पुनः विश्वगुरु स्थापित होंगे। मंच पर शिव कुमार भार्गव विभाग संघ चालक,सतीश शरण जी महानगर संघ चालक उपस्थित रहे।

इससे पूर्व करीब 3 हजार स्वयंसेवकों ने लक्ष्मी व्यायाम मंदिर से पथ संचलन का शुभारंभ किया। यहां से चलकर स्वयंसेवक कोतवाली होते हुए रानीमहल पहुंचे। वहां से मिनर्वा चौराहा होते हुए सैंयर दरवाजा से गोविंद चौराहा पहुंचे। वहां से संघ कार्यालय माधव स्मृति भवन होते हुए महानगर की हृदय स्थल चौराहा इलाइट पहुंचे। वहां से तहसील होते हुए लक्ष्मी व्यायाम मंदिर पर पथ संचलन का समापन किया गया। इस अवसर पर प्रान्त कार्यवाह कानपुर प्रान्त अनिल श्रीवास्तव, विभाग प्रचारक अखंड प्रताप, महानगर प्रचारक अनुराग, शिव कुमार भार्गव विभाग संघ चालक, सतीश शरण महानगर संघ चालक, अनिल प्रान्त कार्यवाह, रामकेश विजय सह प्रान्त संपर्क प्रमुख, मुकुल महानगर कार्यवाह, राहुल महानगर शारीरिक प्रमुख, मयंक, जयपाल समेत तमाम ज्येष्ठ व श्रेष्ठ स्वयंसेवक उपस्थित रहे।