– मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम युवा पीढ़ी में नई ऊर्जा का संचार करते हैं : अभिनेता सुरेन्द्र पाल

– महामंडलेश्वर ने डॉ संदीप सरावगी व सपना गुप्ता को दिया आशीर्वाद

Jhansi । रुद्राणी कला ग्राम ओरछा में आयोजित राम महोत्सव में सम्मिलित होने आए बॉलीवुड के अभिनेता सुरेंद्र पाल व विश्व की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी बुधवार को संघर्ष सेवा समिति के कार्यालय पहुंची। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.संदीप सरावगी व सपना गुप्ता ने उनकी अगवानी की और गुलदस्ता व शाल भेंट कर आशीर्वाद लिया। महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा मेरे बेटे और बहू के रूप में डॉ. संदीप सरावगी व सपना गुप्ता को आशीर्वाद देती हूं कि यह जो कार्य उन्होंने किए हैं यह एक अनूठे कार्य हैं और जो समर्पित भाव से अपने क्षेत्र एवं अवाम के साथ खड़े हैं निस्वार्थ भाव से ऐसे सपूत के लिए उनके माता-पिता को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने ऐसी संतान को जन्मा।

इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए अभिनेता सुरेंद्र पाल ने बताया कि वह बुंदेलखंड की मिट्टी के ही सपूत हैं और लालन-पालन से लेकर पढ़ाई उन्होंने यहीं पर की, पीपर से नदी पार करने से लेकर मुंबई तक का सफर कैसे निकला वह जानते हैं। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड की धरा ने एक से एक कलाकार इस देश को दिए हैं। उन्होंने 10000 से ज्यादा एपिसोड में कई किरदार निभाए। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक धारावाहिक से लेकर मनोरंजन के एपिसोड शक्तिमान में अहम भूमिका रही हैं। उन्होंने राम महोत्सव में आने का अवसर मिलने को सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि भगवान राम की लीला आज की पीढ़ी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करती है। आजकल की पीढ़ी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कुछ ही पद चिन्हों पर चलें तो हमारा देश फिर से रामराज के रूप में स्थापित हो जाएगा।

इस दौरान विश्व की पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि आज का मानव कीचड़ के कमल की तरह अपने स्वरूप को बदले तो वह दुनिया में अपना परचम लहरा सकता है। एक कमल कीचड़ में खिलकर भगवान के चरणों में समर्पित रहता है। इसी तरह हमें भी कमल की तरह खिल कर वह नेक कार्य करना है। उन्होंने बताया कि मुझे महामंडलेश्वर का दायित्व पशुपति पीठ और निर्मोही अखाड़े ने दिया है। वह अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती, मराठी भाषा में भागवत का ज्ञान देश- विदेशों में देकर अलख जगाने का कार्य कर रही हैं। ज्ञानवापी प्रकरण पर उन्होंने कहा कि सदियों से सनातन धर्म चला आ रहा है। जहां भगवान की स्थापना थी वहां कई जगह मस्जिद की स्थापना कर दी गई है। वह सरकार से यही प्रार्थना करती हैं कि जो जहां है वहीं रहे। लेकिन जिनका स्थान सदियों से जहां स्थापित रहा है। उनको पुनः नया स्वरूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का धर्म है कि सनातन धर्म को मिटाने की चेष्टा करने वालों को बख्शा नहीं जाए।