बिहार (संवाद सूत्र)। बिहार के गया में एक ट्रेन यात्री ने  हैरतअंगेज यात्रा को अंजाम दे कर रिकार्ड बनाया। ट्रेन से सफर… आम बात है। लेकिन, ट्रेन के इंजन के नीचे घुसकर सफर, वह भी 190 किलोमीटर का… है न हैरत की बात। एक शख्स ने राजगीर से गया तक 190 किलोमीटर की दूरी ट्रेन के इंजन के नीचे घुसकर पूरी की। गया रेलवे स्टेशन पर ड्राइवर जब नीचे उतरा तो इंजन के नीचे से पानी मांगने की आवाज सुनी। ड्राइवर ने देखा तो रेलवे अफसरों को सूचना दी। RPF और अन्य लोगों की मदद से उसे खींचकर बाहर निकाला गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उक्त आश्चर्यचकित करने वाली घटना सोमवार की सुबह 4 बजे गया स्टेशन पर राजगीर-पटना-गया वाराणसी-सारनाथ बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस की है। ड्राइवर के मुताबिक वह ट्रेन के इंजन के नीचे सेंट्रल मोटर (ट्रैक्शन मोटर) के पास बैठा था। रेल कर्मचारियों का कहना है कि जिस स्थान पर वह व्यक्ति था वहां घुसकर बैठना नामुमकिन सा है। रेल कर्मी उसे विक्षिप्त बता रहे हैं। दरअसल बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस राजगीर से पटना होते हुए सोमवार की सुबह करीब 4 बजे गया पहुंची थी। उस ट्रेन के ड्राइवर एस चौधरी ने इंजन से उतरकर प्लेटफॉर्म पर कदम रखा ही था कि इंजन के नीचे से किसी व्यक्ति की पानी मांगने की आवाज उन्हें सुनाई दी। पानी मांगे जाने की आवाज सुन कर वह कुछ पल के लिए चौंक गए, लेकिन टॉर्च के सहारे इंजन के नीचे उन्होंने देखा तो किसी व्यक्ति के फुसफुसाने की आवाज सुनाई दी। आवाज सेंट्रल मोटर के निकट से आ रही थी।

इसकी सूचना उन्होंने तुरंत डिप्टी SS को दी। इसकी जानकारी RPF पोस्ट को भी दी गई। इसके बाद RPF और रेल मुसाफिरों की मदद से किसी तरह से उस व्यक्ति को बाहर निकाला। रेलवे के जानकारों का कहना है कि इंजन w A P-7 मॉडल ABB इंजन है। इसके नीचे किसी व्यक्ति का जाना बेहद कठिन है और वहां जाकर बैठ जाना तो और भी कठिन है।

इधर, जिस व्यक्ति को ट्रेन के इंजन से निकाला गया उसकी पहचान नहीं हो सकी। वह विक्षिप्त है या नहीं इस मसले पर कोई भी अधिकारी अब कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। हर कोई अब पल्ला झाड़ रहा है। इसके पीछे कारण यह भी है कि GM फिलहाल धनबाद में पहुंचे हुए हैं। ऐसे में रेलवे का कोई भी कर्मी कुछ भी कहने से कतरा रहा है।

रेलवे कर्मचारियों के मुताबिक ट्रेन राजगीर से चली थी। राजगीर से गया तक ट्रेन 6 स्टेशनों पर रुकती है। इन जगहों पर 2 से 10 सेकेंड तक स्टाॅप है। इस बीच इंजन के नीचे जाकर बैठना संभव नहीं है। जब राजगीर में इंजन यार्ड में खड़ा होगा तब वह बैठा होगा।