– रेलवे ने स्टार्टअप का शुभारंभ किया-मिलेगा 1.5 करोड़ तक का अनुदान

झांसी। भारतीय स्टार्टअप /एमएसएमई/इनोवेटर्स/उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और संरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे नवाचार नीति – “रेलवे के लिए स्टार्टअप” का शुभारंभ सोमवार को रेल भवन, नई दिल्ली में “रेलवे के लिए स्टार्टअप” लॉन्च रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया।

यहां उमरे के झांसी मंडल मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस नीति के तहत माईलस्टोन वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषक को 1.5 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, स्केल और ईको सिस्टम के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर भारतीय रेल ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

डीआरएम ने बताया कि यह नीति बहुत बड़े और अब तक प्रयोग नही हुई स्टार्टअप की भागीदारी के आधार से संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में पैमाने पर अधिक दक्षता लाएगी। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक प्रॉबलम स्टेटमेंट में से 11 प्रॉबलम स्टेटमेंट जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे कमी आदि को लिया गया है। इन्हें नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
भारतीय रेलवे की नवाचार नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है: –
• माईलस्टोन वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषक को 1.5 करोड़ का अनुदान।
• पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए प्रॉबलम स्टेटमेंट के प्रारंभ से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक निर्धारित समय-सीमा के साथ प्रक्रिया ऑनलाइन है।
• रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन के आधार पर आगे लागू करने की स्थिति में अग्रिम हुई धनराशि प्रदान की जाएगी।
• नवप्रवर्तकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा जिसे रेल मंत्री द्वारा सोमवार को उद्घाटन किए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
• विकसित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार (आईपीआर) इनोवेटर के पास ही रहेंगे।
• इनोवेटर को सुनिश्चित डेवलेपमेंट ऑर्डर।
• विलम्ब से बचने के लिए मंडलीय स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।
मई माह में क्षेत्रीय इकाइयों को प्रॉबलम स्टेटमेंट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इसके प्रत्युत्तर में अब तक लगभग 160 प्रॉबलम स्टेटमेंट प्राप्त हो चुके हैं। प्रारंभ में, नई नवाचार नीति के माध्यम से समाधान हेतु 11 प्रॉबलम स्टेटमेंट की पहचान की गई है और पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

।. ब्रोकेनरेल जांच प्रणाली

ii. रेल स्ट्रेस निगरानी प्रणाली
iii. भारतीय रेलवे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ इंटरऑपरेबल उपनगरीय खंड के लिए हेडवे सुधार प्रणाली
iv. ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का ऑटोमेशन
v. हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन
vi. 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास
vii. नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन
viii. यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक टूल का विकास
ix. ट्रैक सफाई मशीन
x. स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों एवं प्रशिक्षण उपरांत रिवीज़न के लिए ऐप
xi. पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग

रेलवे से और भी प्रॉबलम स्टेटमेंट प्राप्त किए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है और इसके उपरांत इनको चरणबद्ध तरीके से अपलोड किया जाएगा।

नया लॉच किए गए इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल का वेब एड्रेस www.innovation.indianrailways.gov.in है।

एक सवाल के जवाब में डीआरएम ने बताया कि इस नीति से प्राइवेटेशन (निजीकरण) को बढ़ावा नहीं मिलेगा। इसका निजीकरण से कोई लेना देना नहीं है। इससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता, संरक्षा,  रखरखाव और बुनियादी ढांचे की निर्माण के क्षेत्र में पैमाने पर अधिक दक्षता आएगी, सुधार के महत्वपूर्ण अवसर मिलेंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन दीक्षित, मंडल वाणिज्य प्रबंधक, डीसीएम अखिल शुक्ला, पीआरओ एमके सिंह आदि उपस्थित रहे।