बुविवि के कुलपति की अनूठी पहल पर ‘सीड मनी’ शोध परियोजनाएं प्रारंभ  
झांसी। शिक्षक का कार्य केवल उपलब्ध ज्ञान का संप्रेषण नहीं है बल्कि उसकी अहम जिम्मेदारी है कि वह नए ज्ञान का सृजन भी करे। शोध सृजन की जननी है। इसीलिए शिक्षा के साथ-साथ शोध कार्य को भी बढ़ावा देने के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा है। उक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने ‘ सीड मनी’ शोध कार्य परियोजना के लिए चयनित शिक्षकों को शोध अनुबंध प्रदान करते समय व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष शोधकर्ताओं को अपना शोध पत्र हाई इंपैक्ट फैक्टर/ स्कोपस अथवा यूजीसी केयर लिस्ट में प्रकाशित करना होगा।
कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया की प्रत्येक तीन माह में संचालित शोध परियोजना का अनुश्रवण किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी निदेशक एकेडमिक प्रोफेसर एस पी सिंह को सौंपी गई है। परियोजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार का कंप्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर लैपटॉप वर्क स्टेशन उपकरण आदि का क्रय  नहीं किया जाएगा। वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद ने कहा कि सीड मनी के रूप में प्रारंभ में सभी शोधकर्ताओं को ₹25000 की धनराशि प्रदान की गई है। शोध की प्रगति संतोषजनक होने पर समायोजन उपरांत शेष आवंटित धनराशि प्रदान की जाएगी। कुल 19 परियोजनाओं में 5 परियोजनाएं प्रौद्योगिकी, 6 विज्ञान, 3 बैंकिंग अर्थशास्त्र एवं वित्त, 2-2 फार्मेसी एवं कला विषयों को प्रदान की गई है। सबसे अधिक धनराशि 4.25 लाख गणित विषय में ( मल्टीऑब्जेक्टिव हॉस्पिटल साइट प्रॉब्लम इन न्यूट्रोसॉफिक एनवायरमेंट) प्रोफेसर आरके सैनी को स्वीकृत की गई है।