बुंदेलखंड क्षेत्र में स्वरोजगार के विकास को देंगे नया आयाम
झांसी। स्वदेशी जागरण मंच के बैनर तले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के हिंदी विभाग में आयोजित कार्यशाला स्वावलंबी भारत अभियान में आज राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मुन्ना तिवारी को समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान बनाया गया। इसके साथ ही साथ कृषि विभाग के सहायक आचार्य डॉ जितेंद्र बबेले को सह समन्वयक बनाया गया।
कार्यशाला को अध्यक्ष के रूप में  संबोधित करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि हमें रोजगार खोजने की अपेक्षा रोजगार देने वाला बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वावलंबन के कारण ही हमारा देश दुनिया में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता रहा है। स्वरोजगार का महत्व हमारे ग्रंथों को भी स्पष्ट रूप से लिखा गया है। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में स्वरोजगार के विकास के लिए विश्वविद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय में स्थापित आईआईसी सेंटर हमेशा से रोजगार को बढ़ावा देने का कार्य करता रहा है।
स्वावलंबी भारत अभियान कार्यशाला के मुख्य अतिथि महारानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति प्रो अरविंद कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गांवों में एक साल रहकर रोजगार के अवसरों की तलाश करते हैं। इसके साथ ही साथ वह यह भी देखते हैं कि किन क्षेत्रों में विकास के अवसर हैं और कहां पर कोशिश की जा सकती है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का हमेशा प्रयास रहता है कि किसानों को खेती से संबंधित नई तकनीकी से परिचित कराया जाए और भारत को एक बार फिर से स्वावलंबी और आत्म निर्भर बनाया जा सके।
स्वदेशी जागरण मंच के पूर्वी क्षेत्र संयोजक अजय जी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित नीतियों के अंतर्गत लोन के माध्यम से अपना रोजगार शुरू करने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगतिशील किसानों को इसके लिए तैयार करना होगा जिससे सभी का विकास संभव हो सके।
समन्वयक स्वावलंबी भारत अभियान बनाए जाने पर डॉ मुन्ना तिवारी ने कहा कि पूरा प्रयास होगा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के हर व्यक्ति को रोजगार मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि छोटे छोटे प्रयास एक दिन बहुत बड़े हो जाते हैं।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, लघु उद्योग भारत, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय मजदूर संघ, सहकार भारती, भारतीय किसान संघ, राष्ट्रीय सेवा भारती एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।