झांसी में उतारी लाश, यात्रियों को मिली राहत 

Jhansi। हजरत निजामुद्दीन से हैदराबाद की ओर जा रही दक्षिण एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में लगभग चार घंटे तक यात्री दहशत में यात्रा करते रहे। दरअसल उनके कोच में एक यात्री की लाश सफ़र कर रही थी।

हजरत निजामुद्दीन से चल कर हैदराबाद की ओर जा रही दक्षिण एक्सप्रेस में ्स्लीपर कोच में सफर कर रहे एक यात्री की आगरा के पास मौत हो गई, किंतु उसके शव को नहीं उतारा गया और शव को आगरा से झाँसी तक का सफर करना पड़ा है। सूचना मिलते ही झांसी स्टेशन पर जीआरपी मौके पर गई और कोच से शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के हरपालपुर के गांव में रहने वाले 38 वर्षीय दिलीप मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण करता था। पत्नी फूल कुमारी के अनुसार उनके तीन बच्चे हैं। वह दिल्ली के फरीदाबाद में मजदूरी करते हैं। पिछले मंगलवार को उसकी बहन के ससुर का देहांत हो गया था। इस कारण वह अपने पति दिलीप और बच्चों के साथ झांसी के लिए विगत दिवस निकले और वह सभी दक्षिण एक्सप्रेस में सवार हो गए। ट्रेन में यात्रा के दौरान उसके पति की हालत बिगड़ी और ट्रेन जब आगरा के नजदीक चल रही थी तभी उनकी मौत हो गई।

जब इसकी जानकारी कोच के अन्य यात्रियों को हुई तो उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए उसके पति की लाश को ले जाने की अनुमति दे दी। इसके बाद लाश को आगरा से झांसी तक ट्रेन में लाया गया। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर शव को ट्रेन से उतारा गया। जीआरपी ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।

फिलहाल यह सवाल बना हुआ है कि शव को आगरा, धौलपुर, ग्वालियर पर क्यों नहीं उतारा गया। इसके पीछे  ्कानूनी कार्रवाई के झंझट से बचने के लिए शव को ट्रेन में ही छोड़ दिया गया। यह गंभीर लापरवाही है।