पहाड़ी शीघ्र लौटेगी अपने पुराने स्वरूप में : भानु सहाय 

झांसी। जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति द्वारा नए बनाये गए प्लान से झांसी के ऐतिहासिक किले की पहाड़ी शीघ्र लौटेगी अपने पुराने स्वरूप में। समिति में तय हुआ कि पहाड़ी की तलहटी में समतल भूमि पर ही पाथ वे का निर्माण किया जाएगा, जो बड़ी चट्टाने पहाड़ी से गिराई गई है उन्हें वापस उसी स्थान पर स्थापित की जाएगी तथा गड्ढो को अच्छी तरह से भरा जाएगा ताकि किले की नींव कमजोर नहीं हो और भविष्य में किले को क्षति नहीं पहुंचे। इस निर्णय से बुंदेलखंड की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई है।
दरअसल, महारानी लक्ष्मीबाई झांसी के किले के चारों ओर किये जा रहे सौंदर्यीकरण कार्य पुरातत्व विभाग से अनुमति लेकर झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस पर बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय एवं पुरातत्व विभाग झांसी सर्कल को कुछ आपत्तियां थी।
आपत्तियों के निराकरण के लिये जिला अधिकारी झांसी द्वारा पुरातत्व विभाग, स्मार्ट सिटी एवं बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा को मिलाकर एक कमेटी का गठन किया।
इस कमेटी की अनेक बैठक हुई जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लेकर किले के चारों ओर किये जा रहे निर्माण कार्य के लिए पहले से भी ज्यादा अच्छा प्लान बनाये जाने पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया।
नए बनाये गए प्लान में तय हुआ कि पहाड़ी की तलहटी में समतल भूमि पर ही पाथ वे का निर्माण किया जाएगा, जो बड़ी चट्टाने पहाड़ी से गिराई गई है उन्हें वापस उसी स्थान पर स्थापित की जाएगी तथा गड्ढो को अच्छी तरह से भरा जाएगा ताकि किले की नींव कमजोर नहीं हो और भविष्य में किले को क्षति नहीं पहुंचे।
किले की तलहटी से पहाड़ी के चारो ओर एक निश्चित ऊंचाई तक अलग अलग रंगों के पौधों को लगाकर स्टेप गार्डन बनाया जाएगा। चारों ओर समतल जमीन पर बनाये जा रहे पथ वे के मध्य में अच्छे किस्म का बगीचा बनाया जाएगा।
भानु ने दावा किया कि अब जो निर्माण कार्य किले के चारो ओर नए सिरे से किया जाएगा वो पहले से कही अधिक सुंदर लगेगा। रोड़ साइड बनी बाउंडरी वाल को नीचा किया जाएगा उसके ऊपर ग्रिल लगाई जाएगी जिससे अंदर की खूबसूरती बाहर से भी निहारी जा सकेगी। जिला अधिकारी द्वारा बनाई गई कमेटी ने समझौते पर हस्ताक्षर किये जिससे विकास कार्य को गति दी जा सके एवं किले की सुंदरता को मूर्तरूप दिया जा सके।
समझौते पर हस्ताक्षर करते समय बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा ने स्पष्ट किया कि एक माह के भीतर पहाड़ी पर से पाथ वे लिए बनाई गई बाउंडरी वाल हटाई जाए। पहाड़ी पर से गिराई गई बड़ी चट्टानें वापस रखी जाए एवं पहाड़ी पर बनाये गए गड्ढे वापस नही भरे गए तो मोर्चा पुनः आंदोलन करने को बाध्य होगा। इस दौरान रघुराज शर्मा, कुँवर बहादुर आदिम, हनीफ खान, प्रदीप झा, गोलू ठाकुर, नरेश वर्मा, बंटी दुबे, गिरजा शंकर राय, कपिल वर्मा, कलाम कुरेशी, डॉ. एम.सी. अग्रवाल एवं नरेश टकसरी शामिल रहे।