झांसी। बैंक में लाखों का गबन करने के आरोपी कैशियर को रिहाई नहीं मिल सकी,उसका जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर द्वारा निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार वादिया मुकदमा निमिता यादव ने थाना टहरौली पर तहरीर दी थी कि वह प्रथमा यू०पी० ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबन्धक के पद पर पदस्थ है। पूर्व शाखा प्रबन्धक विनोद प्रकाश सेठ, बैंक अधिकारी बद्री लाल मीना एवं सत्यजीत कैशियर ने एक राय होकर अपने पासवर्ड से विभिन्न ग्राहकों के खातों से ११ लेन-देनों में ३,१६,०००  रूपये कूटरचित एवं फर्जी हस्ताक्षरों से अन्तरण द्वारा या नगद निकासी करके धन निकाल लिया है तथा धनराशि को रामहेत एवं उसकी पत्नी ऊषा देवी के खातों में जमा किया है। उक्त लोगों ने विभिन्न खातों से १२१ लेन-देनों द्वारा १७,७५,४८९ रूपये का बैंक धन अन्तरण द्वारा नगद निकासी करके धनराशि को रामहेत व ऊषादेवी के उक्त खातों में जमा किया गया एवं बाऊचर एवं अर्थोरिटी गायब कर दिये गये हैं।

जाँच में यह पाया गया कि रामहेत वर्मा, श्रीमती ऊषा देवी व बैंक के पूर्व शाखा प्रबन्धक विनोद प्रकाश सेठ, बद्री लाल मीना तथा कैशियर सत्यजीत ने सांठगाठ करके बैंक से ३०,९१,४८९ रूपये नगद निकाल कर एवं ट्रान्सफर करके धोखा एवं पब्लिक मनी का फ्राड किया है साथ ही बाऊचरों को गायब कर दिया गया है। बैंक द्वारा पूर्व शाखा प्रबन्धक विनोद प्रकाश सेठ, अधिकारी बद्री लाल मीना तथा बैंक कैशियर सत्यजीत को बैंक से निलम्बित किया जा चुका है। रिपोर्ट पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। उक्त मामले में अभियुक्त सत्यजीत पुत्र जुगुल किशोर निवासी आर०के० नगर, थाना नजीराबाद, कानपुर नगर द्वारा धारा ४०९,४१९, ४२०, ४६७, ४६८, २०१,१२०बी भा०द०सं०एवं ६६सी आई०टी० एक्ट के तहत प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।