– प्रभावित क्षेत्रों में अफसरों की बढ़ी सक्रियता

– जालौन, ललितपुर, झांसी में बेतवा, यमुना और सिंध के पानी से बढ़ी है मुश्किल

झांसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर प्रशासन को नजर बनाये रखने और आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराये जाने के निर्देश के बाद अफसरों की सक्रियता बढ़ गयी है। अफसर प्रभावित क्षेत्रों में दौरा करने के साथ नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित जालौन में राहत शिविरों की व्यवस्था की गयी है और सैकड़ों लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। झांसी और ललितपुर में प्रशासन की टीमों ने फसलों में हुए नुकसान का आंकलन शुरू कर दिया है। मकानों, पशुओं और बाढ़ से हुए अन्य तरह के नुकसान की भी जानकारी जुटाई जा रही है, जिससे प्रभावित आबादी को नियमानुसार राहत मुहैया कराई जा सके।

जालौन में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं
ललितपुर के कुछ इलाकों में बेतवा नदी से बाढ़ के हालात पनपे थे। अब यह स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। झांसी में भी कई क्षेत्रों में बेतवा नदी के पानी ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। सबसे अधिक खतरनाक स्थिति जालौन की हुयी। यहां सिंध, यमुना और बेतवा ने मिलकर एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया। जालौन में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत शिविर के साथ प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, मेडिकल सुविधाएं, नाव की व्यवस्था की गयी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी लगाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की संभावित स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से लाइफ जैकेट, मोटर बोट की व्यवस्था की गयी है। नुकसान के आंकलन के लिए सभी जिलों में टीमें सक्रिय हो गयी हैं। अधिकारी लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं और व्यवस्थाओं पर नजर बनाये हुए हैं। झांसी मंडल के कमिश्नर संजय गोयल का प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।
झांसी और ललितपुर में पानी का स्तर घटा
झांसी मंडल के अपर आयुक्त प्रशासन सर्वेश कुमार के मुताबिक मुख्यमंत्री का निर्देश है कि बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों की पर्याप्त निगरानी की जाए और प्रभावितों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएं। झांसी, ललितपुर और जालौन में हुए नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। ललितपुर में माताटीला बांध का गेट बंद होने से अब स्थिति सामान्य हो रही है। जालौन में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए राहत शिविर शुरू किये गए हैं और हर सम्भव मदद की जा रही है।