– वाटर स्पोटर्स, इको टूरिज्म, रोपवे और हेलीपोर्ट को किया जाएगा विकसित

– बनेगा बाबा गोरखनाथ का 51 फीट का स्टैच्यू

 लखनऊ/झांसी। कभी सूखा, गरीबी और उपेक्षा का शिकार रहा बुंदेलखंड सही मायने में योगी सरकार में तरक्की की नई राह पर चल पड़ा है। योगी सरकार बुंदेलखंड को सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है। इसके लिए पर्यटन सेक्टर पर विशेष फोकस है।

भविष्य की बात करें तो जब आप बुंदेलखंड की धरती पर कदम रखेंगे तो एक या दो दिन नहीं, बल्कि कई दिनों की छुट्टी लेकर आना होगा। योगी सरकार यहां पर प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास के साथ-साथ अनेक स्थानों पर वाटर स्पोटर्स, इको टूरिज्म, रोपवे, हेलीपोर्ट को विकसित करने का खाका तैयार कर रही है। इसके लिए करीब 750 करोड़ खर्च किए जाने की योजना है।

हेरिटेज होटल के रूप में विकसित होंगे किले
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि बुंदेलखंड को पर्यटन से जोड़ा जाए, ताकि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में बुंदेलखंड को अलग पहचान मिल सके। इसी क्रम में बुंदेलखंड के सातों जिलों को पर्यटन से जोड़ने का खाका तैयार कर लिया गया है। पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां के 31 किलों को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित करने के साथ आस-पास के इलाकों को भी विकसित किया जाएगा।

400 करोड़ से संवरेंगे झांसी व चित्रकूट के पर्यटन स्थल
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि झांसी में पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए 150 रुपये खर्च होंगे। इसके तहत पीपीपी मॉडल पर बरुआ सागर झील और सुकवां ढुकवां डैम पर वॉटर स्पोटर्स और बरुआ सागर किले को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं तालबेहट और पारीछा डैम पर वेलनेस टूरिज्म और वाटर स्पोटर्स का पर्यटक मजा ले सकेंगे। चित्रकूट में 250 करोड़ से तुलसी वॉटर फॉल, रानीपुर टाइगर रिजर्व, राजापुर तुलसी नेचर और महर्षि वाल्मीकि आश्रम को विकसित किया जाएगा। तुलसी वॉटर फॉल पर ग्लास स्काई वॉक बनाया जाएगा। इको टूरिज्म के तहत रानीपुर टाइगर रिजर्व और राजापुर तुलसी नेचर को संवारा जाएगा। इसके साथ ही महर्षि वाल्मीकि आश्रम लालापुर के पास रोपवे बनाया जाएगा।

300 करोड़ से चमकेगा महोबा व जालौन का पर्यटन
महोबा में 200 करोड़ से रोपवे, स्टैच्यू, बर्ड सेंचुरी, अध्यात्म, योग, लेजर एक्टिविटी को शुरू किया जाएगा। यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोरखगिरी पर्वत पर रोपवे बनाया जाएगा। वहीं बाबा गोरखनाथ का 51 फीट का स्टैच्यू और प्रोजेक्शन शो से पर्यटकों को स्थानीय जानकारी दी जाएगी। इको टूरिज्म के जरिए विजय सागर बर्ड सेंचुरी बनाई जाएगी। रहेलिया सूर्य मंदिर के पास रहेलिया तालाब को अध्यात्म, योग, लेजर एक्टिविटी के रूप में विकसित किया जाएगा। जालौन में 100 करोड़ से रामपुरा और जगम्मनपुर किले का जीर्णोद्धार कर हेरिटेज होटल की चेन से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही किले के आस-पास रूरल पर्यटन को विकसित किया जाएगा।

ललितपुर, हमीरपुर और बांदा के भी बहुरेंगे दिन
ललितपुर में 15 करोड़ से देवगढ़ में हेलीपोर्ट, वेलनेस रिसॉर्ट और माताटीला डैम पर वॉटर स्पोटर्स गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। हमीरपुर में 15 करोड़ से पर्यटन को नया आयाम दिया जाएगा। इसके तहत चौरा देवी मंदिर को टूरिज्म से जोड़ने के लिए काम किया जाएगा। इसके साथ ही कल्पवृक्ष लगाए जाएंगे। बांदा में 15 करोड़ से कलिंजर किले के आस-पास टूरिज्म गतिविधियों, एडवेंचर स्पोटर्स, रॉक क्लाइंबिंग के साथ रूरल टूरिज्म को भी विकसित किया जाएगा।