युवक के भाई द्वारा मुख्यमंत्री से शिकायत

भरुआ सुमेरपुर । जीआरपी बांदा द्वारा बेतवा एक्सप्रेस लूट कांड में पूछताछ हेतु हिरासत में युवक ने जीआरपी के शिकंजे से भागने के बाद दोबारा पकड़े जाने के भय से गला रेत कर आत्महत्या का प्रयास किया और लहूलुहान हालत में थाने जा पहुंचा। युवक की हालत देख कर सिविल पुलिस के हाथपांव फूल गए। पुलिस ने युवक को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। मृए के भाई ने जीआरपी पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाने की बात कहते हुए मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।

भरुआ सुमेरपुर कस्बे के वार्ड संख्या 15 में पेट्रोल पंप के पीछे रहने वाले गोलू गुप्ता को जीआरपी बांदा गत शनिवार को हिरासत में लेकर बांदा ले गई थी। बताते हैं कि युवक की शिनाख्त लूट का शिकार हुई महिला से कराई गई। परंतु उसने घटना में गोलू के होने से इंकार कर दिया। इसके बाद भी जीआरपी उसे हिरासत में लेकर इधर-उधर घूम रही थी। सोमवार को जीआरपी युवक को लेकर कस्बे में आई थी। मौका पाकर युवक जीआरपी की हिरासत से भाग निकला।

जीआरपी बांदा सोमवार को रात में घर में छापा मारकर गोलू को ढूंढने का प्रयास किया। लेकिन वह घर पर नहीं मिला। मंगलवार को जीआरपी इसकी खोजबीन कस्बे में करती रही। शाम करीब 600 बजे यह पेट्रोल पंप के समीप कहीं बैठा था। सूचना पाकर जीआरपी ने उसको घेर लिया। पुलिस से घिरने के बाद उत्पीड़न के डर से युवक ने धारदार हथियार से गला रेत लिया।

यह देख कर जीआरपी कर्मियों के होश फाख्ता हो गए और वे सभी मौके से भाग निकले। इसके बाद लहूलुहान हालत में गोलू सिविल पुलिस थाने जा पहुंचा और जीआरपी पुलिस द्वारा उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। युवक की हालत देखकर थाना पुलिस सन्न रह गई और आनन-फानन में उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाकर उपचार कराया। उपचार के बाद उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।

इधर, गोलू के भाई विनीत गुप्ता ने आरोप लगाया कि जीआरपी बांदा के साथ परिवार को उत्पीड़ित करके परेशान कर रही है। जीआरपी भाई को बेतवा लूट कांड में फर्जी ढंग से फंसाना चाहती है। जीआरपी के उत्पीड़न से तंग आकर भाई ने आत्मघाती कदम उठाया है। भाई ने आरोप रहे हैं। शुरू लगाया है पुलिस ने जबरिया धमका कर फर्जी ढंग से तहरीर लिखवा ली है। बुधवार को भाई ने जीआरपी बांदा के उत्पीड़न की शिकायत मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के आला अफसरों से करके न्याय की गुहार लगाई है। जीआरपी थानाध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने उत्पीड़न करने की बात से इंकार किया। हिरासत से भागने की बात को भी वह नकारते हैं। सच्चाई क्या है पुलिस द्वारा जांच पड़ताल कर रही है।